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अपना दर्द भुलाकर दूसरों की सेवा में लगे इस डॉक्टर के जज्बे को सलाम

locationरीवाPublished: May 09, 2021 06:46:52 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

पत्नी कोरोना पॉजिटिव खुद को भी आ रहा बुखार, बच्चों से भी बनाई दूरी पर फिर भी मरीजों को दे रहे जिंदगी..

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रीवा. धरती पर चिकित्सकों को भगवान का रूप माना जाता है। कोरोना महमारी के इस मुश्किल दौर में डॉक्टर दिन रात एक कर मरीजों की जान बचान में लगे हुए हैं और इन्हीं में से एक हैं रीवा जिले के मऊगंज स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ बीएमओ डॉक्टर पंकज सिंह। डॉक्टर पंकज सिंह मुश्किल की इस घड़ी में अपना दर्द भुलाकर कोविड मरीजों का इलाज कर रहे है। वो परिवार को इस महामारी से बचाने के लिए उन्होंने खुद को उनसे अलग कर लिया है और लगातार मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं।

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पत्नी व बच्चों से बनाई दूरी
मऊगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ बीएमओ डॉ. पंकज सिंह गहरवार ने मरीजों का उपचार करने के लिए अपना घर भी छोड़ दिया है। दरअसल मऊगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कोविड मरीजों का उपचार करने के लिए दस बेड निर्धारित किये गये है जिसमें वर्तमान समय में दस मरीज अपना इलाज करवा रहे है। इन मरीजों का उपचार करने की जिम्मेदारी बीएमओ डॉ. पंकज सिंह गहरवार को दी गई है जिन्होंने पीड़ितों की सेवा के लिए अपने दर्द को भुला दिया है।

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दरअसल कोविड मरीजों का इलाज करने से उनकी पत्नी की तबियत खराब हो गई थी। जांच करवाने पर उनकी पत्नी की रिपोर्ट पॉजटिव आई है। परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमण से बचाने के लिए उन्होंने परिवार से दूरियां बना ली हैं। पत्नी व बच्चों को गांव सरई पलिया भेज दिया है ताकि उनकी वजह से परिवार के सदस्यों को संक्रमण न हो। खुद को परिवार से उन्होंने अलग कर लिया है और दूसरे स्थान पर अकेले रहते हैं। प्रतिदिन कोविड के अलावा सामान्य मरीजों का उपचार करते है।

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खुद का दर्द भुलाकर कर रहे जनसेवा
डॉक्टर पंकज सिंह का खुद का स्वास्थ्य कुछ दिनों से खराब है और उन्हें सुबह व शाम के वक्त बुखार आता है लेकिन इसके बावजूद वो खुद का इलाज करने के साथ साथ दूसरे मरीजों का इलाज भी पीपीई किट पहनकर कर रहे हैं। अभी तक उनके प्रयासों से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती तीन कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट चुके हैं।

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दूसरे घर में रहते है चिकित्सक, बाहर रख दिया जाता है खाना
चिकित्सक अपने परिवार के सदस्यों को संक्रमण से बचाने के लिए खुद को अलग कर लिया है। वे पुराने घर में अकेले रहते है जहां कोई भी परिवार का सदस्य नहीं आता है। घर वाले उनको बाहर ही खाना रखकर चले जाते है जिसे खाने के बाद वे फिर कर्तव्य पथ चल देते है। यदि परिवार के सदस्यों से बात करना आवश्यक होता है तो वे फोन पर बात कर लेते है। चिकित्सक डॉ. पंकज सिंह गहरवार के दो बच्चे हैं जो परिवार के साथ गांव में रहते हैं। जब भी वे घर पहुंचते हैं तो बच्चे उनसे मिलने के दौड़ आते हैं लेकिन कोरोना ने उनके बीच दूरियां बना दी है। पिछले कई दिनों से उन्होंने बच्चों को गले से नहीं लगाया है और उनको अपने से दूर ही रखते है।

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