मुख्य अतिथि प्रो. त्रिपाठी ने कई लोकगीतों का दिया उदाहरण
विश्वविद्यालय के पं. शंभूनाथ शुक्ल सभागार में आयोजित भाषणमाला में प्रो. त्रिपाठी ने बघेलखंड से व्याप्त कई लोकगीतों का उदाहरण भी दिया। उन्होंने डॉ भगवती प्रसाद शुक्ल को याद करते हुए कहा कि डॉ. भगवती प्रसाद अनोखे व्यक्तित्व के धनी रहे। उनके द्वारा रचित बघेली साहित्य अद्भुत रहा है। विशेष बात यह रही कि उन्होंने आदिवासियों की बीच जाकर लोकगीत संग्रहीत किया। प्रो. आर्या प्रसाद त्रिपाठी ने डॉ. शुक्ल को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
विश्वविद्यालय के पं. शंभूनाथ शुक्ल सभागार में आयोजित भाषणमाला में प्रो. त्रिपाठी ने बघेलखंड से व्याप्त कई लोकगीतों का उदाहरण भी दिया। उन्होंने डॉ भगवती प्रसाद शुक्ल को याद करते हुए कहा कि डॉ. भगवती प्रसाद अनोखे व्यक्तित्व के धनी रहे। उनके द्वारा रचित बघेली साहित्य अद्भुत रहा है। विशेष बात यह रही कि उन्होंने आदिवासियों की बीच जाकर लोकगीत संग्रहीत किया। प्रो. आर्या प्रसाद त्रिपाठी ने डॉ. शुक्ल को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
कुलपति बोले, नई पीढ़ी को संस्कृति से अवगत कराना जरूरी
विश्वविद्यालय में आयोजित भाषणमाला की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. केएन सिंह यादव ने कहा कि जिन विभूतियों ने नैतिक मूल्यों को स्थापित किया है। उनके कृतित्व व व्यक्तित्व से वर्तमान पीढ़ी को परिचित कराने की महती आवश्यकता है। खुशी की बात यह है कि विश्वविद्यालय इसको लेकर प्रयत्नशील है। कार्यक्रम में लोक शिक्षण संभागीय कार्यालय की पूर्व संयुक्त संचालक रश्मि शुक्ला ने उनके पिता डॉ. भगवती प्रसाद के बेटियों के प्रति संवेदनशीलता को बयां किया।
विश्वविद्यालय में आयोजित भाषणमाला की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. केएन सिंह यादव ने कहा कि जिन विभूतियों ने नैतिक मूल्यों को स्थापित किया है। उनके कृतित्व व व्यक्तित्व से वर्तमान पीढ़ी को परिचित कराने की महती आवश्यकता है। खुशी की बात यह है कि विश्वविद्यालय इसको लेकर प्रयत्नशील है। कार्यक्रम में लोक शिक्षण संभागीय कार्यालय की पूर्व संयुक्त संचालक रश्मि शुक्ला ने उनके पिता डॉ. भगवती प्रसाद के बेटियों के प्रति संवेदनशीलता को बयां किया।
प्रो. दिनेश कुशवाह ने लोकगीतों के महत्व पर डाला प्रकाश
पं. शंभूनाथ शुक्ल सभागार में आयोजित कार्यक्रम के संयोजक व कला संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. दिनेश कुशवाह ने आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस मौके पर डॉ. बारेलाल जैन, डॉ. अनुराग मिश्र, प्रो. एनपी पाठक, प्रो. सेवाराम त्रिपाठी, बीएड कॉलेज प्राचार्य प्रफुल्ल कुमार शुक्ला, बीआरसीसी डॉ. प्रवेश तिवारी सहित अन्य प्राध्यापक व गणमान्य उपस्थित रहे।
पं. शंभूनाथ शुक्ल सभागार में आयोजित कार्यक्रम के संयोजक व कला संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. दिनेश कुशवाह ने आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस मौके पर डॉ. बारेलाल जैन, डॉ. अनुराग मिश्र, प्रो. एनपी पाठक, प्रो. सेवाराम त्रिपाठी, बीएड कॉलेज प्राचार्य प्रफुल्ल कुमार शुक्ला, बीआरसीसी डॉ. प्रवेश तिवारी सहित अन्य प्राध्यापक व गणमान्य उपस्थित रहे।