सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं
पूर्वमें सीवर लाइन के निर्माण कार्यके दौरान कईहादसे हो चुके हैं, जिसमें मौत भी शामिल है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाने चाहिए लेकिन ठेका कंपनी की उदासीनता लगातार जारी है। भीषण गर्मीकी वजह से दोपहर तो कंपनी काम बंद किए रहती है लेकिन अन्य समय पर कार्य चलता रहता है। वाहनों और आम लोगों की आवाजाही के दौरान दुर्घटनाएं बढऩे की भी आशंका जाहिर की जा रही है। कुछ स्थानों पर रेलिंग लगाई गईहै लेकिन कंपनी के पास इतनी संख्या में पर्याप्त संसाधन भी नहीं कि जहां तक काम चल रहा है किनारे रेलिंग की व्यवस्था कर सके।
पूर्वमें सीवर लाइन के निर्माण कार्यके दौरान कईहादसे हो चुके हैं, जिसमें मौत भी शामिल है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाने चाहिए लेकिन ठेका कंपनी की उदासीनता लगातार जारी है। भीषण गर्मीकी वजह से दोपहर तो कंपनी काम बंद किए रहती है लेकिन अन्य समय पर कार्य चलता रहता है। वाहनों और आम लोगों की आवाजाही के दौरान दुर्घटनाएं बढऩे की भी आशंका जाहिर की जा रही है। कुछ स्थानों पर रेलिंग लगाई गईहै लेकिन कंपनी के पास इतनी संख्या में पर्याप्त संसाधन भी नहीं कि जहां तक काम चल रहा है किनारे रेलिंग की व्यवस्था कर सके।
लोकार्पण की जल्दबाजी में निगम के अधिकारी
शहर के झिरिया में 12 एमएलडी क्षमता का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पहले से निर्मित है। उसमें सीवर लाइन जोडऩे के बाद लोकार्पण कराने की तैयारी की जा रही है। नगर निगम के अधिकारी मामले में जल्दबाजी कर रहे हैं कि एक बार एसटीपी प्रारंभ कराकर उसका लोकार्पण बरसात के पहले ही करा दिया जाए। कुछ अधिकारी तो आगामी २ जून को रीवा में मुख्यमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम के दौरान ही लोकार्पण कराना चाह रहे हैं लेकिन मोहल्लों से अभी सीवर लाइन का कनेक्शन जोडऩा बाकी है, जिसमें लंबा समय लगेगा। बताया जा रहा है कि यदि मुख्य मार्ग की लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो गया हैतो 15 जून के पहले ही झिरिया के एसटीपी का लोकार्पण करा दिया जाएगा।
शहर के झिरिया में 12 एमएलडी क्षमता का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पहले से निर्मित है। उसमें सीवर लाइन जोडऩे के बाद लोकार्पण कराने की तैयारी की जा रही है। नगर निगम के अधिकारी मामले में जल्दबाजी कर रहे हैं कि एक बार एसटीपी प्रारंभ कराकर उसका लोकार्पण बरसात के पहले ही करा दिया जाए। कुछ अधिकारी तो आगामी २ जून को रीवा में मुख्यमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम के दौरान ही लोकार्पण कराना चाह रहे हैं लेकिन मोहल्लों से अभी सीवर लाइन का कनेक्शन जोडऩा बाकी है, जिसमें लंबा समय लगेगा। बताया जा रहा है कि यदि मुख्य मार्ग की लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो गया हैतो 15 जून के पहले ही झिरिया के एसटीपी का लोकार्पण करा दिया जाएगा।
सड़क मरम्मत नहीं हुई तो बढ़ेगी फजीहत
जिस तरह से ठेका कंपनी ने मोहल्लों और दूसरों स्थानों में सड़क खोदने के बाद गड्ढे खुले छोड़ रखे हैं, उसी तरह का रवैया यदि मुख्य सड़क पर भी अपनाया गया तो आए दिन हादसे होंगे। सिरमौर चौराहा से लेकर विश्वविद्यालय मार्गतक के व्यवसाइयों ने कहा है कि खोदाईके बाद सड़क की मरम्मत भी समय पर होना चाहिए।
जिस तरह से ठेका कंपनी ने मोहल्लों और दूसरों स्थानों में सड़क खोदने के बाद गड्ढे खुले छोड़ रखे हैं, उसी तरह का रवैया यदि मुख्य सड़क पर भी अपनाया गया तो आए दिन हादसे होंगे। सिरमौर चौराहा से लेकर विश्वविद्यालय मार्गतक के व्यवसाइयों ने कहा है कि खोदाईके बाद सड़क की मरम्मत भी समय पर होना चाहिए।
फिर फ्लाइएस का चेंबर बनाना किया शुरू
सीवर लाइन में बनाए जाने वाले चेंबर के निर्माण को लेकर ठेका कंपनी अपनी मर्जीके मुताबिक काम कर रही है। शुरुआती दिनों में फ्लाइएस के ईंटो से चेंबर बनाया। कुछदिन के बाद यह तर्क दिया गया कि अपेक्षा के अनुरूप यह मजबूत नहीं होता, इस वजह से कांक्रीट का बनाकर लगाया जाएगा। कंपनी ने मैहर के पास प्लांट भी लगा रखा है। कुछ जगह पर कांक्रीट के ही चेंबर डाले गए हैं लेकिन अब फिर से फ्लाइएस के चेंबर बनाए जा रहे हैं। जिसके चलते लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है। जानकारी मिली हैकि कंपनी के प्लांट में पर्याप्त मात्रा में चेंबर का निर्माण नहीं हो पा रहा है इस वजह से ईंटों का उपयोग किया जा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों की उदासीनता सामने आ रही है। साथ ही शासन द्वारा निर्माण का सुपरवीजन करने के लिए नियुक्त किए गए रेजीजेंट इंजीनियर की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
सीवर लाइन में बनाए जाने वाले चेंबर के निर्माण को लेकर ठेका कंपनी अपनी मर्जीके मुताबिक काम कर रही है। शुरुआती दिनों में फ्लाइएस के ईंटो से चेंबर बनाया। कुछदिन के बाद यह तर्क दिया गया कि अपेक्षा के अनुरूप यह मजबूत नहीं होता, इस वजह से कांक्रीट का बनाकर लगाया जाएगा। कंपनी ने मैहर के पास प्लांट भी लगा रखा है। कुछ जगह पर कांक्रीट के ही चेंबर डाले गए हैं लेकिन अब फिर से फ्लाइएस के चेंबर बनाए जा रहे हैं। जिसके चलते लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है। जानकारी मिली हैकि कंपनी के प्लांट में पर्याप्त मात्रा में चेंबर का निर्माण नहीं हो पा रहा है इस वजह से ईंटों का उपयोग किया जा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों की उदासीनता सामने आ रही है। साथ ही शासन द्वारा निर्माण का सुपरवीजन करने के लिए नियुक्त किए गए रेजीजेंट इंजीनियर की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।