वर्तमान में पूरा पुलिस बल कोरोना महामारी से लडऩे में जूझ रहा है। पुलिस बल चौराहों में तैनात होकर लॉक डाउन का पालन करवा रहा है। ऐसे में जमीनी विवाद को लेकर हो रही मारपीट व हत्या जैसी घटनाओं ने पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी है। वर्तमान में जमीनी विवाद को लेकर पूरे संभाग में में कई घटनाएं हुई है। वर्तमान में राजस्व अमला पूरी तरह से कोरोना ड्यूटी में लगा हुआ है जिससे राजस्व न्यायालयों में सुनवाई नहीं हो रही है और लोग खुद फैसला कर रहे है।
सबसे ज्यादा विवाद खून के रिश्तों में हुए है जिसमें जमीनी विवाद में अपनों ने ही अपनों का खून बहाया है। जिले में प्रतिदिन जमीनी विवाद में मारपीट के आधा दर्जन मामले दर्ज हो रहे है। ये विवाद कई बार हिंसक रूप धारण कर लेते है और नौबत हत्या तक पहुंच जाती है। ऐसे में पुलिस के सामने अब दोहरी चुनौती आ गई है। उसे अब लॉक डाउन का पालन करवाने के साथ जमीनी विवाद को लेकर होने वाली घटनाओं को भी रोकना है।
लगातार बढ़ रहे जमीनी विवादों को लेकर आईजी उमेश जोगा ने संभाग के चारों जिलों के थाना प्रभारियों को जमीनी विवादों को लेकर अलर्ट किया है। जो भी जमीनी विवाद की शिकायतें आती है तो उनमें पुलिस टीम को मौके पर भेजकर वस्तुस्थिति की जानकारी ले और दोनों पक्षों को शांति व्यवस्था बनाएं रखने के लिए समझाईश दें। यदि आवश्यकता पड़े तो दोनों पक्षों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी करें। राजस्व कर्मचारियों की मदद से मौके पर विवाद की स्थिति को दूर करें।
आने वाले समय में जमीनी विवादों को लेकर स्थिति विस्फोटक होने वाली है। बारिश के मौसम में जहां बोनी का समय आया तो उस समय विवाद इस समय से भी ज्यादा बढ़ जायेंगे और उस समय स्थिति को संभालना मुश्किल हो जायेगा। बुवाई के समय हर साल विवाद कई गुना बढ़ जाते है और इस बार तमाम लोगों के वापस लौटकर आने से समस्या और गंभीर हो जायेगी।
जमीनी विवाद को लेकर बड़ी घटनाएं हो रही है जिसको रोकने के प्रयास किये जा रहे है। सभी थाना प्रभारियों को जमीनी विवाद की शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश दिये गये है। दोनों पक्षों को समझाईश देकर शांति व्यवस्था बनाए। राजस्व विभाग के साथ मिलकर विवादों का निराकरण का प्रयास किया जायेगा।
उमेश जोगा, आईजी