कार्यालय में पांच कंपयूटर
कार्यालय में पांच कंप्यूटर हैं। कार्यालीय के साथ ही जिला प्रबंधक कक्ष के बाहर गैलरी में एक केबिन बनी है। कार्यालय में पंखा व एसी लगी है। इस कार्यालय में जिला प्रबंधक समेत छह अन्य कर्मचारी है। कर्मचारियों का काम ऑनलाइन योजनाओं का डाटाबेस अपडेट करना होता है। इसके अलावा शासकीय कार्यालयों में नेटवर्क सिस्टम को ठीक करने की जिम्मेदारी है।
कार्यालय में पांच कंप्यूटर हैं। कार्यालीय के साथ ही जिला प्रबंधक कक्ष के बाहर गैलरी में एक केबिन बनी है। कार्यालय में पंखा व एसी लगी है। इस कार्यालय में जिला प्रबंधक समेत छह अन्य कर्मचारी है। कर्मचारियों का काम ऑनलाइन योजनाओं का डाटाबेस अपडेट करना होता है। इसके अलावा शासकीय कार्यालयों में नेटवर्क सिस्टम को ठीक करने की जिम्मेदारी है।
वर्क फ्रॉम होम में ईधन, बिजली की हो सकती है बचत
मीटिंग में योजनाओं का ऑनलाइन फोल्डर तैयार करना आदि। वर्क फ्राम होम से कार्य करने पर कर्मचारियों के आने-जाने का ईधन, बिजली, पानी आदि का खर्च की बचत हो सकती है। कर्मचारियों का तर्क है कि वर्क फ्रॉम होम से हर साल खजाने का लाखों रुपए अतिरिक्त खर्च से बचा जा सकता है।
ऑनलाइन जारी किए 10 हजार से अधिक ई-पास
इ-गवर्नेंस कार्यालय में कोविड-19 में ई-पास की कमान ऑनलाइन ई-गवर्नेंस के कर्मचारी घरों से ही संभाल रहे हैं। एक माह में 23 हजार आवेदन अडेंट किए। जिसमें करीब 8700 ई-पास जारी किए गए।
वर्क फ्रॉम होम से समय के साथ ही व्यक्तिगत व ऑफिस खर्च कम हो जाएंगे
कलेक्ट्रेट भवन में इ-गवर्नेंस के जिला प्रबंधक आशीष दुबे कहते हैं कि घर में काम करने का सबसे बड़ा फायदा समय की बचत है। कार्यालय आने-जाने में जो वक्त लगता है, उसका उपयोग काम में किया जा सकता है। वर्क फ्रॉम होम से न केवल ऑफिस खर्च बल्कि व्यक्तिगत खर्च भी कम हो जाता है। कार्यालय की अपेक्षा वर्क फ्रॉम होम में स्टाफ कम लगेंगे। कागज आदि की बचत होगी। लॉकडाउन के दौरान कार्यालय का 90 फीसदी से ज्यादा कार्य घर पर निपटाया। कलेक्ट्रेट से कॉल पर आवश्यक मीटिंग में ही पहुंचे थे। इस दौरान सीएम हेल्पलाइन सहित अन्य ऑनलाइन कार्य घर से पूरा कर रहे हैं। घर पर ही ई-आफिस में काम चल रहा है। कोविड-19 के ऑनाइन काम वर्क फ्रॉम होम पर ही हो रहा है। बीते चार दिन से कार्यालय खुलने लगा। अब यहां आने-जाने में समय निकल जाता है।
मीटिंग में योजनाओं का ऑनलाइन फोल्डर तैयार करना आदि। वर्क फ्राम होम से कार्य करने पर कर्मचारियों के आने-जाने का ईधन, बिजली, पानी आदि का खर्च की बचत हो सकती है। कर्मचारियों का तर्क है कि वर्क फ्रॉम होम से हर साल खजाने का लाखों रुपए अतिरिक्त खर्च से बचा जा सकता है।
ऑनलाइन जारी किए 10 हजार से अधिक ई-पास
इ-गवर्नेंस कार्यालय में कोविड-19 में ई-पास की कमान ऑनलाइन ई-गवर्नेंस के कर्मचारी घरों से ही संभाल रहे हैं। एक माह में 23 हजार आवेदन अडेंट किए। जिसमें करीब 8700 ई-पास जारी किए गए।
वर्क फ्रॉम होम से समय के साथ ही व्यक्तिगत व ऑफिस खर्च कम हो जाएंगे
कलेक्ट्रेट भवन में इ-गवर्नेंस के जिला प्रबंधक आशीष दुबे कहते हैं कि घर में काम करने का सबसे बड़ा फायदा समय की बचत है। कार्यालय आने-जाने में जो वक्त लगता है, उसका उपयोग काम में किया जा सकता है। वर्क फ्रॉम होम से न केवल ऑफिस खर्च बल्कि व्यक्तिगत खर्च भी कम हो जाता है। कार्यालय की अपेक्षा वर्क फ्रॉम होम में स्टाफ कम लगेंगे। कागज आदि की बचत होगी। लॉकडाउन के दौरान कार्यालय का 90 फीसदी से ज्यादा कार्य घर पर निपटाया। कलेक्ट्रेट से कॉल पर आवश्यक मीटिंग में ही पहुंचे थे। इस दौरान सीएम हेल्पलाइन सहित अन्य ऑनलाइन कार्य घर से पूरा कर रहे हैं। घर पर ही ई-आफिस में काम चल रहा है। कोविड-19 के ऑनाइन काम वर्क फ्रॉम होम पर ही हो रहा है। बीते चार दिन से कार्यालय खुलने लगा। अब यहां आने-जाने में समय निकल जाता है।
फैक्ट फाइल
कार्यालय का नाम इ-गवर्नेंस
अधिकारी जिला प्रबंधक 1
कर्मचारी 5
कंप्यूटर 5
लैपटॉप 1
एसी 1
पंखा 3
कार्यालय का नाम इ-गवर्नेंस
अधिकारी जिला प्रबंधक 1
कर्मचारी 5
कंप्यूटर 5
लैपटॉप 1
एसी 1
पंखा 3