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निरस्त इको पार्क प्रोजेक्ट को फिर से प्रारंभ करने की तैयारी, कोर्ट से निराकरण होना है बाकी

locationरीवाPublished: Oct 22, 2020 11:53:27 am

Submitted by:

Mrigendra Singh

– विधायक राजेन्द्र शुक्ला के साथ कलेक्टर, डीएफओ, निगम आयुक्त सहित अन्य अधिकारी निरीक्षण करने पहुंचे- बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में प्रोजेक्ट लगाए जाने की वजह से पूर्व में कांग्रेस सरकार ने किया था निरस्त

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eco park beehar river in rewa, nagar nigam and forest land



रीवा। शहर के बीच बीहर नदी के टापू और किनारे के हिस्से में इको पार्क के निर्माण की प्रक्रिया एक बार फिर से प्रारंभ कराने की तैयारी की गई है। पूर्व में यहां पर जो प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, उसका समय पर कार्य पूरा नहीं हो पाने की वजह से सरकार ने निरस्त कर दिया था। प्रदेश में सरकार बदली तो अब इसके निर्माण की उम्मीदें भी जिंदा होने लगी हैं।
स्थानीय विधायक राजेन्द्र शुक्ला ने अधिकारियों के साथ प्रोजेक्ट के निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। जहां पर पूर्व में कराए गए कार्यों का अवलोकन करने के साथ ही नए सिरे से होने वाले कार्य पर चर्चा की गई।
पूर्व में कांग्रेस सरकार ने इस प्रोजेक्ट को निरस्त कर दिया था, जिसके चलते ठेका कंपनी कोर्ट चली गई थी। जहां पर अब भी मामला लंबित है लेकिन प्रशासन ने इस उम्मीद के साथ कार्य प्रारंभ कराने की तैयारियां शुरू कर दी है कि कोर्ट से ठेका कंपनी के पक्ष में ही निर्णय आएगा। अधिकारियों का कहना है कि पहले से जिन शर्तों के अनुसार कार्य चल रहा था वही आगे भी चलेंगी। इसमें कोर्ट क्या निर्णय देता है इसका भी अध्ययन किया जाएगा। भाजपा सरकार का यह महत्वाकांछी प्रोजेक्ट रहा है, शहर के विकास में इसे प्रमुखता से गिनाया जाता रहा है।
मुख्यमंत्री ने भी कई भाषणों में इसका उल्लेख किया था। सरकार बदली तो इसकी समीक्षा हुई जिसमें पाया गया कि करीब आठ वर्ष से अधिक समय बीत चुके हैं लेकिन कार्य में तेजी नहीं आई है, इस कारण प्रोजेक्ट निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया गया था। जबकि ठेका कंपनी रुचि रियलिटी ने करोड़ों रुपए का कार्य इसमें कराया था, कंपनी उसका भुगतान चाह रही थी, जिसके चलते कोर्ट मामला चला गया।

– बाढ़ में झूला पुल सहित बह गया था निर्माण
बीहर नदी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लगाए जा रहे इस प्रोजेक्ट पर शुरू से ही सवाल उठाए जाते रहे हैं। करीब १९ करोड़ रुपए शुरुआत में इसकी लागत बताई गई थी। जिसमें झूला पुल एवं टापू पर सड़क और अन्य कार्य हुए थे। 19 अगस्त 2016 को शहर में आई बाढ़ के चलते निर्माण भी पानी के तेज बहाव में बह गया था। उस दौरान भी आरोप लगे थे कि इसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है आगे भी शहर में बाढ़ का खतरा रहेगा। इसलिए प्रोजेक्ट ही निरस्त किया जाए। उस दौरान सरकार ने इन मांगों को अनसुना कर दिया था।
इतना ही नहीं प्रोजेक्ट का निर्माण करा रही इंदौर की रुची रियलिटी होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से जुड़े लोगों ने सहमति भी दे दी थी। प्रोजेक्ट की शर्तों पर इसका उल्लेख नहीं होने के चलते बाद में नुकसान की कोई रकम नहीं दी गई।
शुरुआत से ही निर्माण की गति रही धीमी
बीहर नदी के टापू पर बनाए जा रहे इको पार्क(फिलहाल निरस्त) का प्रोजेक्ट 30 वर्ष के लिए स्वीकृत किया गया था। इसका भूमि पूजन वर्ष 2013 में हुआ था। दो वर्ष में इसका निर्माण पूरा किया जाना था, बाद में एक वर्ष के लिए अवधि और बढ़ाई गई थी। कंपनी ने शुरुआत से ही मनमानी निर्माण कराया था। 5 जुलाई 2017 से दो वर्ष के लिए निर्माण पूरा करने का समय दिया गया था। शर्त रखी गई थी कि संशोधित डिजाइन का एप्रूवल भी स्टेट मानीटिरिंग कमेटी से लेना होगा लेकिन कंपनी ने बिना एप्रूवल ही कार्य प्रारंभ कर दिया।
इको पार्क में प्रस्तावित हैं यह कार्य
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप(पीपीपी) माडल पर इको पार्क प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा था। राजस्व और वन भूमि के साथ ही निजी स्वत्व की 5.783 हेक्टेयर भूमि पर इको पार्क का निर्माण किया जाना था। इसमें उन्नत विक्रम पुल के पास स्थित पुराना आरटीओ भवन का हिस्सा भी शामिल करना था। पार्क में कैफेटेरिया, एडवेंचर गेम स्पाट, वाटर स्पोर्ट, नेचर इंटरप्रेटेशन सेंटर, मोटल, हर्बल प्लांट बिक्री केन्द्र, पंचकर्म, किड्स जोन, रेस्टोरेंट, मनोरंजन स्थल आदि की व्यवस्थाएं देने की योजना थी। बीच में कंपनी ने इसमें कुछ संशोधन कराते हुए बारातघर एवं अन्य व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने की योजना बनाई थी, जिस पर कार्य भी शुरू हुआ था लेकिन प्रोजेक्ट निरस्त होने के कारण वह भी बंद हो गया था।

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इको पार्क प्रोजेक्ट का कार्य फिर से प्रारंभ होना है। जिसका निरीक्षण किया गया है। दस्तावेजी तौर पर इसकी पूरी जानकारी डीएफओ के पास है।
मृणाल मीना, आयुक्त नगर निगम


इको पार्क का जो पुराना प्रोजेक्ट है, उसी पर कार्य प्रारंभ किया जाना है। विधायक, कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों के साथ निरीक्षण हुआ है। मामला कोर्ट में है, वहां से निर्णय अभी आना है। इसके पूर्व सामान्य निरीक्षण के लिए सब पहुंचे थे।
चंद्रशेखर सिंह, डीएफओ रीवा
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