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स्कूलों का शिक्षा का स्तर सुधारने विदेशी पैटर्न में सैद्धांतिक से ज्यादा प्रैक्टिकल आधारित लगानी होगी कक्षाएं

locationरीवाPublished: Dec 10, 2019 12:54:44 pm

Submitted by:

Lokmani shukla

सरकारी स्कूलों का शिक्षा स्तर सुधारने विदेशी पैटर्न में सैद्धांतिक से ज्यादा प्रैक्टिकल आधारित कक्षाएं लगाई जाती हैं। लेकिन अभी हमारे यहां शिक्षा में अधिकांश सैद्धांतिक ज्यादा है। यही कारण है कि कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाया गया पाठ याद नहीं रहता है। जबकि प्रयोग के माध्यम से बताई गई चीजें वह आसानी से समझ लेते हैं और लंबे समय तक याद रखते है।

Foreign pattern to improve the level of education of schools Classes will have to be applied more practical than theoretical

Foreign pattern to improve the level of education of schoolsClasses will have to be applied more practical than theoretical

रीवा। सरकारी स्कूलों का शिक्षा स्तर सुधारने विदेशी पैटर्न में सैद्धांतिक से ज्यादा प्रैक्टिकल आधारित कक्षाएं लगाई जाती हैं। लेकिन अभी हमारे यहां शिक्षा में अधिकांश सैद्धांतिक ज्यादा है। यही कारण है कि कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाया गया पाठ याद नहीं रहता है। जबकि प्रयोग के माध्यम से बताई गई चीजें वह आसानी से समझ लेते हैं और लंबे समय तक याद रखते है। दक्षिण कोरिया से लौटकर आए जिला शिक्षा अधिकारी रामनरेश पटेल ने शिक्षा में अपनाई जा रही पद्धति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार दक्षिण कोरिया का पैटर्न लागू करने जा रही है। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को दल भ्रमण के लिए दक्षिण कोरिया भेजा गया था। इसके बाद अब एक्सीलेंस विद्यालयों के प्राचार्य का दल भी भेजा जाएगा। पांच दिवस के भ्रमण के दौरान वहां संचालित स्कूलों एवं शिक्षा पद्धति के अध्यनन में यह बात सामने आई है कि वहां बच्चों को पढ़ाएं गए पाठ का प्रैक्टिकल अनिवार्य रुप से कराया जाता है। इसके अतिरिक्त बच्चों के क्लासरुम में विषय से संबंधित तस्वीरें प्रदर्शित की जाती है। जिनसे की छात्र देख कर सीख सकें। इस पर अब शासकीय विद्यालयों में यह पद्धति अपनाई जाएगी।

30 फीसदी शिक्षा पर खर्च होता है बजट-
डीइओ पटेल ने बताया कि दक्षिण कोरिया में सबसे अधिक विकास करने की वजह वहां की शिक्षा पद्धति माना जा रहा है। इसके पीछे वजह है कि सरकार वहां शिक्षा में बजट का 30 फीसदी हिस्सा खर्च करती है। यहीं कारण है वहां के स्कूल एवं कक्षाओं में अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जबकि हमारे यहां अभी स्कूलों में मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके अतिरिक्त उनकी शिक्षा पद्धति रोजगार व विकासोन्मुखी है। आने वाले 20 सालों में आवश्यकता को देखते हुए शिक्षा का पैटर्न तैयार करने के लिए विशेष विभाग बनाया गया है।

दक्षिण कोरिया में सबसे अच्छी जॉब है शिक्षक
दक्षिण कोरिया में माना जाता है कि बेहतर शिक्षक ही अच्छी शिक्षक दे सकते है। इसके लिए सबसे अच्छी जॉब शिक्षक की मानी जाती है। इसके लिए ऐसे मापदंड निर्धारित किए गए हैं कि योग्य व्यक्ति ही शिक्षक बन सके। ताकि वह छात्रों को बेहतर शिक्षक दे सके।

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