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कंट्रोलरूम की सूचना पर इवीएम लेकर दौड़ते रहे इंजीनियर, पांच फीसदी मशीनें फेल

locationरीवाPublished: May 07, 2019 12:10:44 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

जिला निर्वाचन अधिकारी का दावा ढाई फीसदी वीवीपैट तो डेढ़ फीसदी बीयू-सीयू खराब होने पर बदली गईं

EVM

ईवीएम

रीवा. लोकसभा चुनाव में सुबह से लेकर शाम तक इंजीनियर-मास्टर ट्रेनर इवीएम-वीवीपैट मशीनें लेकर दौड़ते रहे। सुबह मॉकपोल से लेकर देरशाम तक मतदान के दौरान पांच फीसदी मशीनें खराब हो गईं। जिससे घंटों वोटिंग प्रभावित रही। इंजीनियरों के अनुसार बदली गईं ज्यादातर मशीनों पर अनाड़ी कर्मचारी, गर्मी व लो-बैट्री का असर रहा।
मॉकपोल के चलते लेट से शुरू हुआ मतदान
जिले में 2013 मतदान केन्द्रों पर उपयोग के लिए रिवर्ज मशीनों के साथ 2340 मशीनों का सेट उपयोग किया गया। जिसमें हर बूथ पर एक सीयू, दो-दो बीयू और एक-एक वीवीपैट का एक सेट बनाया गया था। मतदान केन्द्रों पर सुबह छह बजे से सात बजे के बीच मॉकपोल किया गया। सुबह से लेकर देरशाम तक मतदान के दौरान शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में कंट्रोलरूप की सूचना पर इंजीनियर और मास्टर ट्रेनर रनर के साथ मशीनें लेकर दौड़ते रहे।
15 वोट पडऩे के बाद वीवीपैट खराब हो गई
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मतदान क्रमांक 107 पर मॉकपोल के बाद मतदान शुरू हुआ। 15 वोट पडऩे के बाद वीवीपैट खराब हो गई। कंट्रोलरूप से लेकर अफसरों को सूचना के बाद सेक्टर मजिस्ट्रेट करीब एक घंटे के बाद वीवीपैट लेकर पहुंचे। यहां पर 8.20 बजे तक मतदान प्रभावित रहा। इसी तरह नगर निगम में मशीन खराब रही। कंट्रोलरूम की सूचना पर इंजीनियरिंग इवीएम मशीनें लेकर मतदान केन्द्रों पर दौड़ते रहे।
पांच फीसदी मशीनें ऐन वक्त खराब
पीठासीन अधिकारियों की सूचना के मुताबिक पांच फीसदी मशीनें ऐन वक्त तकनीकि त्रुटि के साथ ही लो-बैट्री और मतदान के दौरान छेड़छाड़ के चलते खराब हो गईं। सुबह मॉकपोल के समय सीयू, बीयू और वीवीपैट के त्रुटिपूर्ण कनेक्शन के कारण दो फीसदी मशीनें खराब हुईं। इंजीनियरों का दावा है कि अधिक गर्मी के कारण भी मशीनों का सेंटर फेल हुआ। जिससे दिक्कत हुई। सितलहा के पीठासीन अधिकारी ने कंट्रोलरूम में सूचना दी कि मशीन नहीं चल रही है।
बैट्री लो के चलते बंद हो गईं कई मशीनें
इंजीनियर दूसरी मशीन लेकर पहुंचे तो पता चला कि बैट्री लो हो गई है। इसी तरह डेल्ही में मशीन की बैट्री बदली पड़ी। दो दर्जन से ज्यादा मशीनों की बैट्री बदलना पड़ा। कुल मिलाकर औसत 100 से अधिक मशीनों को बदला गया। हर विधानसभा में 10-12 मशीनें खराब होने की सूचना है। हालांकि जिला निर्वाचन अधिकारी ओपी श्रीवास्तव का कहना है कि ढाई प्रतिशत वीवीपैट और डेढ़ प्रतिशत बीयू-सीयू खराब हुईं। जिसको समय रहते ठीक कराया गया।
हर विधानसभा में दो इंजीनियरों के साथ लगाए गए थे मास्टर टे्रनर व रनर
जिले में इवीएम को ठीक करने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में दो-दो इंजीनियरों की ड्यूटी लगाई थी। इसके अलावा दो-दो मास्टर ट्रेनर और चार-चार रनर लगाए थे। सेक्टर मजिस्ट्रेट और कंट्रोलरूम की सूचना पर मशीन और वीवीपैट लेकर पहुंचते थे। सुबह से लेकर शाम पांच बजे तक मशीनों के बदलने और खामियां दूर करने का सिलसिला चलता रहा।
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