बदहाल ग्रामीण सेवा परिवहन सुधारने पर जोर, जानिए क्या हो रहा है परिवर्तन
गांवो में अब भी नहीं आवागमन के सार्वजनिक सुरक्षित साधन

रीवा। सरकार बदलने के साथ ही पुरानी योजनाओं को विचार को रिव्यु हो रहा है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो ग्रामीण परिवहन सेवा की स्थिति सुधर सकेगी। बताया जा रहा है इसके लिए परिवहन विभाग ब्लू प्रिंट तैयार कर रहा है। इसमें अब छोटी 30 व 32सीटर बसों को ग्रामीण रुटों पर परमिट देने योजना बनाई जा रही है। ताकि परिवहन व्यवस्था मिल सके। वर्तमान में गांवो में परिवहन सेवा नहीं होने के कारण वह खर्टारा टैक्सी पर जान में जोखिम डालकर सफर करते है। 45से अधिक रुट ऐसे है जहं कभी बस चली ही नहीं है।
इसके पहले ग्रामीण परिवहन को सुगम बनाने मुख्य मंत्री ग्रामीण परिवहन सेवा प्रांरभ की गई है लेकिन इस सेवा में नियमों की रास्ते की बेडिय़ा बन गए । परिणाम स्वरुप ग्रामीण सेवा में कर में रियायत देने के बावजूद बस आपेरटर बस संचालन करने तैयार नहीं हुए। यही कारण है नई बसें नहीं चल पाई। बताया जा रहा है कि ग्रामीण परिवहन सेवा में पहले 18 सीटर बसों को संचालित करने की योजना बनाई थी। लेकिन 18सीटर बसों को परमिट देने के कारण नई बस खरीदने आपरेटर तैयार नहीं हुई है। यही कारण है कि योजना फ्लाप होकर रह गई है।
दौड़ रहे है पंद्रह साल पुराने वाहन-
वर्तमान में ग्रामीण परिवहन सेवा में बस उपलब्ध नहीं होने के कारण पंद्रह साल से अधिक खटारा वाहनों के भरोसे है। परिवहन विभाग ने इस बीच मैजिक वाहनों को ग्रामीण रुटों का परमिट दिया है लेकिन वह भी शहर की सड़को में दौड़ रहे है। वहीं शहर में दौडऩे वाली ऑटो स्टेट कैरिज वाहन की तरह ग्रामीण रुटों पर चल रहे है।
परमिट हो रहे ऑनलाइन-
बसों के संचालन को लेकर परिवहन विभाग में बसों को जारी परमिट व समय को ऑनलाइन कर रहा है। इससे जहां परिवहन अधिकारियों की मनमानी पर लगाम लगेगा। वहीं किस रुटा में कितनी बसें दौड़ रही है जानकारी हो सकेगी। अभी जो स्थित है उसमें जहां कई रुटो में एक- एक मिनट से कम अंतराल पर परमिट जारी किया है। वहीं ग्रामीण रुटों के लिए आवेदन नहीं आए।
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