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मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे एपीएसयू के कर्मचारी संघ आपस में बंटे

locationरीवाPublished: Jan 14, 2019 11:34:35 am

Submitted by:

Vedmani Dwivedi

अनु. जाति. पिछड़ा वर्ग कर्मचारी संघ ने प्रबंधन के प्रति दिखाई हमदर्दी, प्रदर्शन से अपने को किया अलग, कुछ मुद्दों को लेकर दोनों के बीच तकरार

Employees Association performing demands

Employees Association performing demands

रीवा. कर्मचारियों के प्रदर्शन की वजह से मुश्किल में पड़े अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय प्रबंधन को थोड़ी राहत मिली है। एपीएसयू प्रबंधन कर्मचारियों के दो संगठनों में से एक को मनाने में करीब – करीब सफल हो गया है। अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक पिछड़ा वर्ग कर्मचारी संघ रविवार को प्रबंधन के प्रति नरम हो गया। उसने अपने को प्रदर्शन से अलग कर लिया। अनु.जन.पिछड़ा वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामसुजान साकेत ने कहा कि, उसका प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा यही था कि इस संगठन द्वारा की जा रही मांगे सही एवं नियमानुसार नहीं है। अधिकारियों पर गलत दबाव बनाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर तृतीय एवं चतुर्थ कर्मचारी संघ ने सोमवार को फिर प्रदर्शन की चेतावनी दी है। इसके लिए संगठन के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में १२ बजे एकत्रित होने को कहा गया है। अध्यक्ष बुद्धसेन पटेल ने कहा कि १० सूत्रीय मांगों का मांग पत्र विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपा गया था। मांगों के संबंध में वार्ता विफल रही। १४ जनवरी को दोपहर १२ बजे विश्वविद्यालय के प्रशासन के समक्ष सभी कर्मचारी एकत्रित होगें तथा विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसमें अनु. जाति. पिछड़ा वर्ग कर्मचारी संघ शामिल नहीं होगा।

यह है पूरा मामला
कर्मचारियों के विरोध का प्रमुख मामला समयमान वेतन को लेकर है। विश्वविद्यालय के ८४ कर्मचारियों एवं कुछ सुरक्षा गार्डों को इसका लाभ पिछले कई वर्षों से नहीं मिल रहा है। इसी को लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन उनकी यह मांग मानने को तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि समयमान वेतन देने के लिए जो नियम निर्धारित किए गए हैं उसके दायरे में वे नहीं आ रहे हैं जिसकी वजह से उन्हें इसका लाभ नहीं दिया जा सकता। प्रशासन का यह तर्क मानने को कर्मचारी राजी नहीं हैं। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय से उन्हें इसकी स्वीकृति दी जाए। जिससे कर्मचारियों का भला हो सके। इसके साथ उनकी और भी कई अन्य मांगें हैं।

लगातार हफ्ते भर से हो रहा प्रदर्शन
विश्वविद्यालय में पिछले करीब एक हफ्ते से कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले ज्ञापन सौंपा गया। दोनों कर्मचारी संघ कुलपति को लगातार बारी – बारी से ज्ञापन सौंपते रहे। कुछ दिनों तक यह सिलसिला चला। दोनों ने साथ बैठक कर रणनीति बनाई। संयुक्त रूप से महासभा की बैठक हुई। इसके बाद कुलपति – कुलसचिव के साथ बैठक हुई। बावजूद इसके मामले का निपटारा नहीं हुआ। सोमवार को फिर कर्मचारी प्रदर्शन पर उतरेंगे। प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की संख्या काफी ज्यादा होने की वजह से काम – काज प्रभावित हो रहा है।

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