रिमाइंडर नोटिस भी किया नजरंदाज
यह कार्य 30 जुलाईके पहले कराया जाना जाना था लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने सामान्य निर्देश समझते हुए ऐसा नहीं कराया। इसके बाद एक और रिमाइंडर नोटिस जारी की गईथी, उसे भी नजरंदाज किया गया। अब चेतावनी भरा पत्र आया है कि ३१ अगस्त को सभी नगरीय निकायों के लेखों की सीए आडिट की रिपोर्टजारी करनी थी लेकिन निकायों द्वारा जानकारी नहीं भेजे जाने की वजह से ऐसा नहीं हो सका है। नगरीय प्रशासन वित्त के संयुक्त संचालक ने कहा है कि जिन निकायों की रिपोर्टनहीं आईहै, उनके यहां की चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि नहीं भेजी जाएगी। यदि यह राशि शासन द्वारा निगम को नहीं मिली तो कर्मचारियों और अधिकारियों को इस महीने वेतन मिलना मुश्किल हो जाएगा।
यह कार्य 30 जुलाईके पहले कराया जाना जाना था लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने सामान्य निर्देश समझते हुए ऐसा नहीं कराया। इसके बाद एक और रिमाइंडर नोटिस जारी की गईथी, उसे भी नजरंदाज किया गया। अब चेतावनी भरा पत्र आया है कि ३१ अगस्त को सभी नगरीय निकायों के लेखों की सीए आडिट की रिपोर्टजारी करनी थी लेकिन निकायों द्वारा जानकारी नहीं भेजे जाने की वजह से ऐसा नहीं हो सका है। नगरीय प्रशासन वित्त के संयुक्त संचालक ने कहा है कि जिन निकायों की रिपोर्टनहीं आईहै, उनके यहां की चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि नहीं भेजी जाएगी। यदि यह राशि शासन द्वारा निगम को नहीं मिली तो कर्मचारियों और अधिकारियों को इस महीने वेतन मिलना मुश्किल हो जाएगा।
इन शर्तों के साथ नियुक्त करना था सीए
नगरीय निकाय के लेखों की ऑडिट कराने के लिए नियुक्त किए जाने वाले सीए के लिए शासन ने शर्तें भी निर्धारित कर दी थी। जिसमें कहा गया था कि अधिकतम तीन वर्ष के लेखों की ऑडिट कराईजा सकती है। जिन निकायों में डबल एंट्री अकाउंटिंग सिस्टम का कार्यपूर्ण किया गया है। उनमें संपरीक्षा का कार्य उस फर्म द्वारा नहीं किया जाएगा, जिस फर्म द्वारा डबल एंट्री अकाउंटिंग सिस्टम का कार्य किया गया है। नगर निगम को 90 हजार रुपए आडिट कराए जाने के बदले भुगतान के लिए भी कहा गया था।
नगरीय निकाय के लेखों की ऑडिट कराने के लिए नियुक्त किए जाने वाले सीए के लिए शासन ने शर्तें भी निर्धारित कर दी थी। जिसमें कहा गया था कि अधिकतम तीन वर्ष के लेखों की ऑडिट कराईजा सकती है। जिन निकायों में डबल एंट्री अकाउंटिंग सिस्टम का कार्यपूर्ण किया गया है। उनमें संपरीक्षा का कार्य उस फर्म द्वारा नहीं किया जाएगा, जिस फर्म द्वारा डबल एंट्री अकाउंटिंग सिस्टम का कार्य किया गया है। नगर निगम को 90 हजार रुपए आडिट कराए जाने के बदले भुगतान के लिए भी कहा गया था।
1.67 करोड़ रुपए मिलती है क्षतिपूर्ति की राशि
चुंगी क्षतिपूर्ति के लिए नगर निगम को हर महीने राज्य सरकार की ओर से 1.67 करोड़ रुपए दिए जाते हैं। शेष राशि निगम अपने खाते से वेतन के रूप में भुगतान करता है। अब तक करीब 2.15 करोड़ रुपए निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों को वेतन के रूप में भुगतान किए जा रहे हैं। चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि बीते महीने 20 प्रतिशत बढ़ाए जाने की घोषणा की गईहै। सातवें वेतनमान के तहत कर्मचारियों को बढ़ी हुई वेतन दी जाएगी।
चुंगी क्षतिपूर्ति के लिए नगर निगम को हर महीने राज्य सरकार की ओर से 1.67 करोड़ रुपए दिए जाते हैं। शेष राशि निगम अपने खाते से वेतन के रूप में भुगतान करता है। अब तक करीब 2.15 करोड़ रुपए निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों को वेतन के रूप में भुगतान किए जा रहे हैं। चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि बीते महीने 20 प्रतिशत बढ़ाए जाने की घोषणा की गईहै। सातवें वेतनमान के तहत कर्मचारियों को बढ़ी हुई वेतन दी जाएगी।
ऑडिट कराने की प्रक्रिया चल रही है
अवनीश त्रिपाठी, लेखाधिकारी नगर निगम ने इस संबंध में बताया कि सीए से ऑडिटकराने की प्रक्रिया चल रही है, १५ सितंबर तक बैलेंस सीट कंपलीट हो जाएगी। प्रयास है कि चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि नहीं रुके और कर्मचारियों को वेतन समय पर भुगतान किया जाए।
अवनीश त्रिपाठी, लेखाधिकारी नगर निगम ने इस संबंध में बताया कि सीए से ऑडिटकराने की प्रक्रिया चल रही है, १५ सितंबर तक बैलेंस सीट कंपलीट हो जाएगी। प्रयास है कि चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि नहीं रुके और कर्मचारियों को वेतन समय पर भुगतान किया जाए।