यह रिपोर्ट तीन दिन के भीतर तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद निगम आयुक्त के साथ बैठक कर जहां पर सफाई कर्मचारियों की आवश्यकता है, उसकी पूर्ति की जाएगी। साथ ही जिन वार्डों में आवश्यकता से अधिक श्रमिक हैं, वहां से हटाने की भी तैयारी है। बीते लंबे समय से शहर के वार्डों में सफाई कर्मचारियों की पदस्थगी मनमर्जी के अनुसार की गई है।
इसका विरोध वार्डों के पार्षदों की ओर से किया जाता रहा है लेकिन निगम के अधिकारियों द्वारा आवश्यकता के अनुरूप सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति वार्डों में नहीं की गई। यही वजह है कि कई बड़े वार्डों में कम संख्या में कर्मचारी होने के चलते ठीक से सफाई व्यवस्था नहीं बन पा रही है। हाल ही में नगर निगम में नए आयुक्त ने काम संभाला है। जिसके चलते इनके सामने भी निवर्तमान पार्षदों ने मांग रखी है कि समीक्षा कर आवश्यकता के अनुसार कर्मचारी रखे जाएं। कई छोटे वार्ड हैं जो जनसंख्या और क्षेत्रफल दोनों दृष्टि से छोटे हैं, वहां पर अधिक संख्या में श्रमिक काम कर रहे हैं।
सबसे अधिक समस्या शहर के आउटर साइड के वार्डों में है। वार्ड चार, तीन, पांच, आठ, नौ, दस, 14, 15, 26, 44, 45 सहित अन्य कई वार्ड ऐसे हैं जहां पर अधिक संख्या में कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। कई ऐसे हैं जो तीन से चार किलोमीटर के दायरे में हैं। बताया गया है कि युक्तियुक्तिकरण प्रक्रिया के तहत जिन वार्डों में अधिक संख्या में कर्मचारी हैं, उन्हें हटाकर आवश्यकता वाले वार्डों में पदस्थ किया जाएगा।
– वार्डों में तैनात कर्मचारी कर रहे बेगारी
नगर निगम के बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी लिखित तौर पर ड्यूटी तो वार्डों में है लेकिन वहां के बजाय कहीं और सेवाएं दे रहे हैं। पूर्व में निगम आयुक्त ने सत्यापन कराया तो करीब ७० से अधिक ऐसी संख्या सामने आई थी। जिन्हें भाजपा कार्यालय, नेताओं और अफसरों के घरों की सेवा में लगाया गया था। अब नए सिरे से समीक्षा शुरू की गई है, माना जा रहा है कि बेगारी कर रहे सफाई श्रमिकों की भी वापसी होगी।
–
————
कई वार्ड जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से बड़े हैं, वहां पर और सफाई कर्मियों की आवश्यकता है। सभी वार्डों की रिपोर्ट तैयार करा रहे हैं। इसके बाद आवश्यकता के अनुरूप संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि पूरे शहर की बेहतर सफाई कराई जा सके।
एसके पाण्डेय, उपायुक्त नगर निगम
——————–