कई प्रकरणों का हुआ निराकरण
कार्यक्रम का शुभारंभ न्यायाधीशों द्वारा मां सरस्वती एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस दौरान पांच खंडपीठ में अतिरिक्त सत्र एवं जिला न्यायाधीश सिरमौर निलेश यादव, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 सतीश वसुनिया, प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 सुश्री पूर्णिमा सैयाम, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 डालचंद, तृतीय न्यायाधीश वर्ग-2 उदया जीत कुंवर राव ने सुनवाई कर प्रकरणों का निराकरण किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ न्यायाधीशों द्वारा मां सरस्वती एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस दौरान पांच खंडपीठ में अतिरिक्त सत्र एवं जिला न्यायाधीश सिरमौर निलेश यादव, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 सतीश वसुनिया, प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 सुश्री पूर्णिमा सैयाम, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 डालचंद, तृतीय न्यायाधीश वर्ग-2 उदया जीत कुंवर राव ने सुनवाई कर प्रकरणों का निराकरण किया।
वर्षो का मनमुटाव खत्म हुआ
राष्ट्रीय लोक अदालत में तीन ऐसे दंपतियों को को एक किया गया जिनका की कई वर्षों से मनमुटाव चल रहा था। राजेंद्र तिवारी एवं उसकी पत्नी मुन्नी कई वर्षों से अलग रह रहे थे यहां तक कि तलाक की नौबत आ गई थी किंतु एडीजे निलेश यादव एवं अधिवक्ता के समझाइश पर दोनों पुन: एक साथ रहने को मान गए। इन्होने पौधा लगाकर सुखी पूर्वक जीवन व्यतीत करने की कसम भी खाई। इसी तरह ममता एवं उसका पति राजा कोल और कौशल्या गुप्ता एवं राम प्रसाद गुप्ता ने भी एक साथ रहने को राजी हो गए। इस दौरान अधिवक्ताओं ने भी सहयोग किया।
राष्ट्रीय लोक अदालत में तीन ऐसे दंपतियों को को एक किया गया जिनका की कई वर्षों से मनमुटाव चल रहा था। राजेंद्र तिवारी एवं उसकी पत्नी मुन्नी कई वर्षों से अलग रह रहे थे यहां तक कि तलाक की नौबत आ गई थी किंतु एडीजे निलेश यादव एवं अधिवक्ता के समझाइश पर दोनों पुन: एक साथ रहने को मान गए। इन्होने पौधा लगाकर सुखी पूर्वक जीवन व्यतीत करने की कसम भी खाई। इसी तरह ममता एवं उसका पति राजा कोल और कौशल्या गुप्ता एवं राम प्रसाद गुप्ता ने भी एक साथ रहने को राजी हो गए। इस दौरान अधिवक्ताओं ने भी सहयोग किया।