मापदंडों के अनुरूप फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं लगाए जा सके
शहर के भवनों को आगजनी की घटनाओं से बचाने के लिए निर्धारित मापदंडों के अनुरूप फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं लगाए जा सके हैं। बीते महीने सरकार की ओर से भी रीवा सहित अन्य कलेक्टरों को व्यवस्था बनाने के निर्देश जारी किए गए थे। गुजरात के सूरत शहर में कोचिंग संस्थान में आगजनी के बाद से अलर्ट जारी किया गया था। रीवा में भी कलेक्टर ने शहर के सभी प्रमुख भवनों के संचालकों को बुलाकर फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने का निर्देश दिया था। इतना ही नहीं नगर निगम एवं होमगार्ड्स की संयुक्त टीम बनाकर पूरे शहर में व्यवस्थाओं की पड़ताल करने के लिए गया था। बैठक के बाद प्रशासन पूरा मामला भूलता गया और दोबारा यह पता नहीं लगाने की कोशिश किया कि आग से बचाने के लिए उपकरणों की व्यवस्था की गई है अथवा नहीं। मंगलवार को शहर के शिल्पी प्लाजा में सुबह आग भड़कने की सूचना मिली, मौके पर फायर बचाव दल भेजे गए और उस पर काबू पाया गया। यह ऐसे समय आग लगी थी जब दुकानें बंद थी, लोगों की आवाजाही नहीं थी, अन्यथा भगदड़ मचती तो बड़ा हादसा हो सकता था। शहर में लगातार घटनाएं हो रही हैं फिर भी प्रशासन बचाव के इंतजामों के प्रति उदासीन है।
शहर के भवनों को आगजनी की घटनाओं से बचाने के लिए निर्धारित मापदंडों के अनुरूप फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं लगाए जा सके हैं। बीते महीने सरकार की ओर से भी रीवा सहित अन्य कलेक्टरों को व्यवस्था बनाने के निर्देश जारी किए गए थे। गुजरात के सूरत शहर में कोचिंग संस्थान में आगजनी के बाद से अलर्ट जारी किया गया था। रीवा में भी कलेक्टर ने शहर के सभी प्रमुख भवनों के संचालकों को बुलाकर फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने का निर्देश दिया था। इतना ही नहीं नगर निगम एवं होमगार्ड्स की संयुक्त टीम बनाकर पूरे शहर में व्यवस्थाओं की पड़ताल करने के लिए गया था। बैठक के बाद प्रशासन पूरा मामला भूलता गया और दोबारा यह पता नहीं लगाने की कोशिश किया कि आग से बचाने के लिए उपकरणों की व्यवस्था की गई है अथवा नहीं। मंगलवार को शहर के शिल्पी प्लाजा में सुबह आग भड़कने की सूचना मिली, मौके पर फायर बचाव दल भेजे गए और उस पर काबू पाया गया। यह ऐसे समय आग लगी थी जब दुकानें बंद थी, लोगों की आवाजाही नहीं थी, अन्यथा भगदड़ मचती तो बड़ा हादसा हो सकता था। शहर में लगातार घटनाएं हो रही हैं फिर भी प्रशासन बचाव के इंतजामों के प्रति उदासीन है।