सवाल- रीवा में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की स्थिति ठीक नहीं है, इसमें सुधार क्यों नहीं हो पा रहा ?
– जवाब- सरकार की पालिसी से पब्लिक और आपरेटर दोनों परेशान हैं। आपरेटर पर ही कई सारे नियम लागू किए जा रहे हैं। वर्तमान परिस्थियों से आपरेटर का भविष्य ही खतरे में है। संसाधन महंगे हो रहे हैं। जब आपरेटर परेशान होगा तो इसका असर पब्लिक पर पड़ेगा। दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए नई पालिसी बनाने की जरूरत है।
सवाल– सिटी बस का कांसेप्ट रीवा में सफल क्यों नहीं हो पा रहा है, क्या वजह मानते हैं ?
-जवाब- शहर छोटा है, एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए आटो का उपयोग ज्यादा किया जा रहा है। बड़ी बसें चलाई गई हैं, मेरा मानना है कि छोटी गाडिय़ां ज्यादा लाभदायक होंगी उन्हें चलाना चाहिए। ट्रैफिक में सुधार की जरूरत है।
-जवाब- शहर छोटा है, एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए आटो का उपयोग ज्यादा किया जा रहा है। बड़ी बसें चलाई गई हैं, मेरा मानना है कि छोटी गाडिय़ां ज्यादा लाभदायक होंगी उन्हें चलाना चाहिए। ट्रैफिक में सुधार की जरूरत है।
सवाल– बड़े शहरों में आंतरिक परिवहन के लिए इ-रिक्शा को बेहतर विकल्प माना जा रहा है, रीवा में इसकी असफलता की क्या वजह है?
जवाब- यह सही है कि शहरों में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए पुराने डीजल वाहन हटाए जा रहे हैं। इ-रिक्शा को प्रोत्साहन मिल रहा है। आगे चलकर यह रीवा में भी सफल होगा। इ-रिक्शा के चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएं और सुविधाएं मिले तो यह ठीक रहेगा।
जवाब- यह सही है कि शहरों में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए पुराने डीजल वाहन हटाए जा रहे हैं। इ-रिक्शा को प्रोत्साहन मिल रहा है। आगे चलकर यह रीवा में भी सफल होगा। इ-रिक्शा के चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएं और सुविधाएं मिले तो यह ठीक रहेगा।
सवाल- शहर के ट्रांसपोर्ट नगर में अव्यवस्था का नजारा है, यहां क्या जरूरत हैं ?
जवाब– ट्रांसपोर्ट नगर में सुविधाएं कम है, शेड वगैरह की व्यवस्था भी नहीं है। सड़कें तक ठीक से नहीं बन पाई हैं, अब कुछ काम हो रहे हैं। चर्चा है कि शहर के बाहर इसे ले जाने का प्रयास किया जा रहा है, वह भी ठीक रहेगा। बस स्टैंड को रेलवे स्टेशन के पास होना चाहिए, यहां पर स्थितियां विपरीत हैं।
जवाब– ट्रांसपोर्ट नगर में सुविधाएं कम है, शेड वगैरह की व्यवस्था भी नहीं है। सड़कें तक ठीक से नहीं बन पाई हैं, अब कुछ काम हो रहे हैं। चर्चा है कि शहर के बाहर इसे ले जाने का प्रयास किया जा रहा है, वह भी ठीक रहेगा। बस स्टैंड को रेलवे स्टेशन के पास होना चाहिए, यहां पर स्थितियां विपरीत हैं।
सवाल- लॉकडाउन के बाद से बसें बंद रही हैं, अब शासन की अनुमति के बिना किराया बढ़ा दिया गया, आखिर क्यों? जवाब– किराया तो बढऩा चाहिए, जब चुनाव आते हैं तो वोट को ध्यान में रखकर सरकार किराया बढ़ाने पर रोक लगाती है। डीजल सहित सारी सामग्री महंगी हो गई है। आपरेटर्स की मजबूरी है कि वह किराया बढ़ाएं, पब्लिक पर बोझ देने का उद्देश्य नहीं होता। सरकार को स्वयं इसकी व्यवस्था बनाना चाहिए। अब लोग मोटरसाइकिल और कार से यात्रा करना अधिक पसंद कर रहे हैं।
– सवाल– सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि होती जा रही है, सुरक्षित परिवहन के लिए क्या जरूरत महसूस करते हैं ?
जवाब- सुरक्षित यात्रा का मतलब है कि पूरी तरह से सुरक्षा हो। हैवी वाहन चलाने का कोई ऐसा सेंटर नहीं है, जहां प्रशिक्षित हो सकें। इसके लिए टे्रनिंग सेंटर बनाए जाएं, गाइडलाइन तय होना चाहिए। शराब पीकर वाहन चलाते हैं जिससे दुर्घटनाएं अधिक हो रही हैं। ड्राइवरों की जांच के लिए रास्ते में चेकिंग कराई जाए। पांच-पांच मिनट में परमिट मिल रही है, भागने के चक्कर में दुर्घटनाएं हो रही हैं। नाइट बस में दो ड्राइवर होना चाहिए। फस्र्टएड बाक्स भी सुविधा जनक हो, आग से बचाने के भी इंतजाम हों।
जवाब- सुरक्षित यात्रा का मतलब है कि पूरी तरह से सुरक्षा हो। हैवी वाहन चलाने का कोई ऐसा सेंटर नहीं है, जहां प्रशिक्षित हो सकें। इसके लिए टे्रनिंग सेंटर बनाए जाएं, गाइडलाइन तय होना चाहिए। शराब पीकर वाहन चलाते हैं जिससे दुर्घटनाएं अधिक हो रही हैं। ड्राइवरों की जांच के लिए रास्ते में चेकिंग कराई जाए। पांच-पांच मिनट में परमिट मिल रही है, भागने के चक्कर में दुर्घटनाएं हो रही हैं। नाइट बस में दो ड्राइवर होना चाहिए। फस्र्टएड बाक्स भी सुविधा जनक हो, आग से बचाने के भी इंतजाम हों।