श्रीनगर के बारमूला में रीवा जिले के गोदरी गांव निवासी अखिलेश कुमार पटेल पिता रमेश पटेल शहीद हो गए थे। शनिवार की रात पार्थिव शरीर को गढ़ थाने में रखा गया था। सुबह वाहन को फूलमाला से सजाकर काफिले के साथ गांव के लिए रवाना किया गया। जगह-जगह लोगों ने शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनका पार्थिव शरीर जैसे ही ग्रह ग्राम गोंदरी पहुंचा तो हजारों लोग उनके अंतिम दर्शन किये।
चार दिनों से अपने कलेजे के टुकड़े के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। सेना के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। तिरंगे झंडे में लिपटा पार्थिव शरीर घर से श्मशान घाट के लिए रवाना हुआ तो पूरा वातावरण भारत माता की जय, शहीद अखिलेश पटेल अमर रहे के नारों से गूंज उठा। हजारों लोगों ने उनके अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित किया।
सांसद जनार्दन मिश्रा, विधायक पूर्व विधायक पन्नाबाई प्रजापति, महापौर ममता गुप्ता, कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव, एसपी आबिद खान समेत पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद रहा। सेना की अधिकारियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने के बाद बड़े भाई अरविंद कुमार पटेल ने मुखाग्नि दी। इसके बाद शहीद का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया।
पूरे गांव में सेना के प्रति जुनून
छोटे से गोंदरी गांव में देश के प्रति प्रेम की भावना किस हद तक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस गांव के करीब डेढ़ सौ से अधिक लोग सेना में अपनी सेवाएं देकर देश की रक्षा कर रहे है। करीब 200 लोग सेना से रिटायर इस गांव में है।