उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना केन्द्र सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है। इस योजना का लाभ छोटे – छोटे किसानों को दिया जाता है। जिससे वे सब्जी एवं अन्य छोटी बगिया तैयार कर सकें। इसमें उन्हें सिंचाई के सभी उपकरण जैसे पाइप, ड्रिप,स्प्रिंकलर दिए जाते हैं। अनुदान के रूप में यह राशि किसानों को दी जाती है। जिससे वे सिंचाई की व्यवस्था कर सकें। रीवा की तरह ही सिंगरौली,सीधी,सतना में भी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की स्थिति ठीक नहीं है। इस बात को अधिकारी स्वयं स्वीकार कर रहे हैं।
सिंगरौली में नहीं शुरू हुआ काम
इस योजना के तहत आस – पास के अन्य जिलों में उद्यानिकी विभाग के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। सिंगरौली में इस योजना के तहत 315.00 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। हालत यह है कि अभी तक यहां काम शुरू नहीं हो पाया है। एक भी किसान को इस योजना का लाभ नहीं मिला है। यहां के लिए आवंटित करीब एक करोड़ 14 लाख रुपए डंप पड़े हुए हैं।
सीधी में भी नहीं मिला किसानों को लाभ
रीवा एवं सिंगरौली जैसे ही सीधी की भी हालत है। यहां भी स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है। दिसंबर तक के मिले आंकड़ों के मुताबिक यहां महज 18 हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा हो पाई है। जबकि 193.00 का लक्ष्य निर्धारित है। यहां के लिए 69.65 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं। जिसमें से 1.55 लाख रुपए ही खर्च हुए हैं।
सतना में काम हुआ भुगतान रुका
सतना जिले में भी गड़बड़ झाला है। यहां 247.57 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित है। जिसमें से 177.40 हेक्टेयर में काम पूरा होना बताया जा रहा है। बजट 122.92 लाख में से एक रुपए खर्च नहीं हुआ है। अधिकारियों की सफाई है कि एजेंसियों ने किसानों के यहां सिंचाई का प्लांट तैयार कर दिया है, भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। जिसकी वजह से बजट खर्च नहीं हुआ है। आवश्यक कार्यालयीन प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद उन्हें काम के अनुसार भुगतान किया जाएगा।
रीवा में चल रही जांच
रीवा में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में गड़बड़ी की काफी शिकायतें हुई हैं। जिसकी जांच भी चल रही है। संयुक्त संचालक उद्यान खुद मामले की जांच कर रहे हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उद्यान विभाग के अधिकारियों ने फर्म से सांठगांठ कर राशि में गड़बड़ी की। इसके लिए किसानों के उन दस्तावेजों का उपयोग किया गया जो वे अन्य योजनाओं के लाभ लेने के लिए कार्यालय में जमा किए थे।
रीवा – सतना का प्रभार एक ही अधिकारी को
सहायक संचालक उद्यान कार्यालय रीवा एवं सतना का प्रभार एक ही अधिकारी के पास है। सहायक संचालक उद्यान सतना गिरीश तिवारी को रीवा का भी प्रभार देख रहे हैं। पिछले करीब छह महीने से ज्यादा समय से ऐसा ही चल रहा है। तिवारी अक्सर सतना में ही रहते हैं। कभी – कभी ही रीवा आते हैं। सिंगरौली एवं सीधी में सहायक संचालकों की नियमित पदस्थापना है। रीवा कार्यालय का क्षेत्रफल बड़ा होने के बाद भी यहां सहायक संचालक की नियमित पदस्थापना नहीं की गई है।
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” रीवा जिले में वित्तीय वर्ष 2017 – 18 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जो काम हुए थे उनका भुगतान नहीं हो पाया था। 2018 – 19 में मिले बजट से पिछला भुगतान किया गया। जिसकी वजह से चालू वित्तीय वर्ष का बजट खर्च हो गया और लक्ष्य के मुताबिक काम नहीं हो पाया। मेरी पदस्थापना सतना में है रीवा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। ऐसे में मै रीवा के लिए ज्यादा समय नहीं दे पाता हूॅ। जिसकी वजह से वहां योजना की प्रगति भी ठीक नहीं है ”
गिरीश तिवारी, सहायक संचालक उद्यान रीवा, सतना