सिंचाई का फसल पर पड़ रहा प्रतिकूल असर
मौसम में तल्ख तेवर के बीच धान की फसल पर सिंचाई का प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेंटीग्रेड होने के चलते दोपहर में खेत का पानी खौलने जैसी स्थिति में पहुंच जाता है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस स्थिति में धान की उत्पादकता बुरी तरह से प्रभावित होगी। प्रतिकूल मौसम के बीच फसल का सुरक्षित रह पाना संभव नहीं है।
मौसम में तल्ख तेवर के बीच धान की फसल पर सिंचाई का प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेंटीग्रेड होने के चलते दोपहर में खेत का पानी खौलने जैसी स्थिति में पहुंच जाता है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस स्थिति में धान की उत्पादकता बुरी तरह से प्रभावित होगी। प्रतिकूल मौसम के बीच फसल का सुरक्षित रह पाना संभव नहीं है।
दांव पर लग गई है हजारों हेक्टयर धान
सूरज की तल्खी के चलते किसानों की हजारों हेक्टेयर धान की फसल दांव पर लग गई है। दरअसल अब की बार धान 110 हजार हेक्टेयर की अधिक रकबे में धान की बोवनी हुई है। इनमें आधी से अधिक बोवनी देर से हुई है। नतीजा फसल तैयार होने में अभी वक्त है। ऐसे में बढ़ा तापमान उन फसलों को अधिक नुकसान हो रहा है, जिनकी बोवनी देर से हो रही है।
सूरज की तल्खी के चलते किसानों की हजारों हेक्टेयर धान की फसल दांव पर लग गई है। दरअसल अब की बार धान 110 हजार हेक्टेयर की अधिक रकबे में धान की बोवनी हुई है। इनमें आधी से अधिक बोवनी देर से हुई है। नतीजा फसल तैयार होने में अभी वक्त है। ऐसे में बढ़ा तापमान उन फसलों को अधिक नुकसान हो रहा है, जिनकी बोवनी देर से हो रही है।