उद्यानिकी विभाग प्याज भण्डार गृह योजना के तहत ऐसे किसानों की मदद करता है। जिससे किसान भण्डार गृह का निर्माण करा सके। इसके माध्यम से प्याज को कुछ समय के लिए बचाया जा सकता है। इस योजना के तहत किसानों को प्याज भण्डार गृृह निर्माण के लिए अनुदान दिया जाता है। किसान इस योजना का लाभ लेकर प्याज भण्डार गृह का निर्माण करा सकते हैं। किसान बाजार में ज्यादा दाम का इंतजार कर सकते हैं। इससे उन्हें काफी मुनाफा होगा।
77 का लक्ष्य एक भी किसान को लाभ नहीं
वित्तीय वर्ष 2018 – 19 के लिए रीवा जिले में 77 किसानों को प्याज भण्डार गृह का ला ा देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए करीब एक करोड़ आठ लाख रुपए आवंटित किए गए हैं। अभी तक की हालत यह है कि एक भी किसान को इसका लाभ नहीं दिया गया है। इसके लिए मिली राशि जस की तस पड़ी हुए हैं। एक भी रुपए खर्च नहीं हुई।
सतना सीधी में भी खराब हालत
रीवा जैसे ही हालत सतना एवं सीधी जिले में भी है। यहां भी इस योजना के तहत एक भी किसान को लाभ नहीं मिला है। आंकड़े बताते हैं कि सतना में 40 किसानों को प्याज भण्डार गृह योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए 70 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं। न तो एक भी किसान को लाभ मिला है और नहीं ही एक रुपए खर्च हो पाए।
इसी प्रकार सीधी में 35 भण्डार गृह निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए 61 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं। अभी तक एक भी रुपए खर्च नहीं हो पाए।
सिंगरौली में 88 फीसदी काम पूरा
जहां एक ओर रीवा,सतना एवं सीधी में अभी शुरुआत नहीं हुई है। वहीं सिंगरौली जिले में भण्डार गृह निर्माण का 88 फीसदी काम पूरा हो गया है। 25 किसानों का इसका लाभ देने का लक्ष्य तय किया गया था। जिसमें से 22 किसानों को लाभ दिया जा चुका है। करीब 52 लाख रुपए आवंटित हुई राशि में से 38.50 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं।
इस प्रकार रीवा, सतना, सीधी की अपेक्षा सिंगरौली जिला इस मामले में बेहतर स्थिति में है।
जिला लक्ष्य प्रगति आवंटन व्यय
रीवा ७७ ०.०० १०८.५० ०.००
सतना ४० ०.०० ७०.०० ०.००
सीधी ३५ ०.०० ६१.०० ०.००
सिंगरौली २५ २२ ५२.५० ३८.५०