जिले में करीब 15 लाख क्विंटल धान की तौल की गई है। खरीदी 15 नवंबर से लेकर 25 जनवरी तक चली। तौल बंद होने के 15 दिन बाद भी केन्द्रो से अभी तक 3576 क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सका है। नागरिक आपूर्ति निगम और सहकारी समितियों के बीच धान का हिसाब नहीं होने के कारण किसानों का भुगतान लटक गया है। कलेक्टर के निर्देश पर केन्द्र पर उठाव नहीं होने वाले धान का सत्यापन करा लिया गया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार साढ़े तीन हजार क्विंटल से अधिक का धान अभी तक गोदाम तक नहीं पहुंचा है। समय से गोदाम में धान नहीं जमा होने के कारण जिले में 68 करोड़ रुपए से अधिक समर्थन मूल्य किसानों के खाते में नहीं पहुंचा है। भुगतान को लेकर किसान परेशान हैं। जिले में एक हजार से अधिक संख्या में किसानों का भुगतान नहीं हो सका है।
जिले में धान की तौल करने वाले 800 से अधिक ऐसे किसान हैं, जिनके खाते में समर्थन मूल्य भेज दिया गया है। लेकिन, अभी तक उन्हें नहीं मिल सका है। विभागीय अधिकारियों ने सत्यापन कराया तो मालूम हुआ कि जिन किसानों के खाते गलत हैं उनकी राशि बैंकों में लटकी हुई है। विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि जिन किसानों का भुगतान लटका हुआ उन किसानों का चिंहित कर लिया गया है। जल्द भुगतान कराया जाएगा।
जिले में धान की खरीदी बंद होने के बाद अब तक किसानों को जस्ट इन पेमेंट योजना के तहत 217.61 करोड़ रुपए ऑनलाइन जारी कर दिया गया है। लेकिन, अभी तक समर्थन मूल्य किसानों के खाते में नहीं पहुंचा है। विभागीय आंकड़े के अनुसार किसानों के खाते में अभी तक 168.96 करोड़ रुपए का समर्थन मूल्य पहुंच गया है। जबकि 33.63 करोड़ रुपए अभी तक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में लटका हुआ है।