दोपहर 2 बजे से जैसे खौर कोठी केन्द्र में पत्रिका टीम पहुंची तो इस दौरान ट्रैक्टर ट्राली के नींचे बैठा सिलपरी से आया किसान रामसुंदर कुशवाहा का गुस्सा फट पड़ा। उसने कहा खरीदी चल रही होती तो हम इस तरह थोड़ी बैठे होते। पांच दिनों से खरीदी के इंतजार में बैठे हुए है। बारदाना नहीं है। 31 दिसम्बर के बाद 17 दिसंबर तक पहले मौसम व कीचड़ से खरीदी बंद रही। इसके बाद बारदाना ही खत्म हो गए है। पिछले पांच दिनों से यहां टै्रक्टर ट्राली किराए में लेकर बैठे हुए हैं, धान की तौल नहीं हो रही है, आखिर इसका किराया कौन देगा। जमीन पर धान रखने को जगह नहीं है, मौसम आप देख ही रहे है। खौर कोठी केन्द्र में 17 दिनों में महज पांच दिन ही तौल हो पाई है। यहां सौ से अधिक किसानों की धान बाहर खुले में तौलने के लिए पड़ी हुई है। ऐसे में इनकी परेशानी बढ़ गई है।
25 केन्द्रों में बारदाना नहीं–
जिले में धान खरीदी के लिए 70 केन्द्र बनाए गए है। इनमें शनिवार को 45 केन्द्रों में 1 हजार गांठ उपलब्ध कराई है। शेष २५ केन्दों में एक भी बारदाने उपलब्ध नहीं है। बारदानों की कमी को देखते 24 सौ गांठ मांगी गई थी ,लेकिन इसके बदले शनिवार को 1 हजार गांठे मिल पाई। ऐसे में सोमवार को अंतिम दिन होने के कारण किसान परेशान हैं।
जिले में धान खरीदी के लिए 70 केन्द्र बनाए गए है। इनमें शनिवार को 45 केन्द्रों में 1 हजार गांठ उपलब्ध कराई है। शेष २५ केन्दों में एक भी बारदाने उपलब्ध नहीं है। बारदानों की कमी को देखते 24 सौ गांठ मांगी गई थी ,लेकिन इसके बदले शनिवार को 1 हजार गांठे मिल पाई। ऐसे में सोमवार को अंतिम दिन होने के कारण किसान परेशान हैं।
सर्वेयर एप्प फीड किसानों की होगी खरीदी–
जिला आपूर्ति नियंत्रक राजेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि जिले में धान खरीदी की स्थिति को लेकर पांच दिन समय बढ़ाने की मांग की है। लेकिन अभी अनुमति नहीं मिली है। 20 तारीख ही अंतिम तिथि। इस अवधि में अच्छी धान केन्द्रों में लाने वाले किसानों को सर्वेयर एप्प में फीड किया जाएगा। इसमें फीड सभी किसानों की खरीदी की जाएगी।
जिला आपूर्ति नियंत्रक राजेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि जिले में धान खरीदी की स्थिति को लेकर पांच दिन समय बढ़ाने की मांग की है। लेकिन अभी अनुमति नहीं मिली है। 20 तारीख ही अंतिम तिथि। इस अवधि में अच्छी धान केन्द्रों में लाने वाले किसानों को सर्वेयर एप्प में फीड किया जाएगा। इसमें फीड सभी किसानों की खरीदी की जाएगी।
व्यवस्था के नाम में चार गद्दे-
खरीदी केन्द्रों में किसानों को पानी, बैठने की व्यवस्था नहीं है। जबकि इसके लिए बजट खरीदी केन्द्रों को प्रदान किया गया था। इसके बावजूद व्यवस्था के नाम पर किसानों को कोठी स्थित केन्द्र में चार गद्दे मिले है। इसके अतिरिक्त कोई भी व्यवस्था किसानों के लिए नहीं मिली। किसान खुले आसमान के नीचे बैठे मिले।
लग रहा है ट्रैक्टर ट्राली का किराया-
भटलो से एक हजार में ट्रैक्टर ट्राली किराए में लेक र आए थे। चार दिन हो गए धान की तौल नहीं हो पाई है। धान उतारने के लिए जगह नहीं है। खरीदी केन्द्र प्रभारी बोलते हैं ट्राली में लदी धान ही खरीदेंगें। अब ट्रेक्टर ट्राली का चार दिन का किराया अदा करना पड़ेगा। केन्द्र में कोई व्यवस्था नहीं है।
शिवमूर्ति सोनी किसान
खरीदी केन्द्रों में किसानों को पानी, बैठने की व्यवस्था नहीं है। जबकि इसके लिए बजट खरीदी केन्द्रों को प्रदान किया गया था। इसके बावजूद व्यवस्था के नाम पर किसानों को कोठी स्थित केन्द्र में चार गद्दे मिले है। इसके अतिरिक्त कोई भी व्यवस्था किसानों के लिए नहीं मिली। किसान खुले आसमान के नीचे बैठे मिले।
लग रहा है ट्रैक्टर ट्राली का किराया-
भटलो से एक हजार में ट्रैक्टर ट्राली किराए में लेक र आए थे। चार दिन हो गए धान की तौल नहीं हो पाई है। धान उतारने के लिए जगह नहीं है। खरीदी केन्द्र प्रभारी बोलते हैं ट्राली में लदी धान ही खरीदेंगें। अब ट्रेक्टर ट्राली का चार दिन का किराया अदा करना पड़ेगा। केन्द्र में कोई व्यवस्था नहीं है।
शिवमूर्ति सोनी किसान
चल रही है भर्रेशाही-
केन्द्र में बारदाना नहीं होने के कारण तौल नहीं हो पाई है। वहीं बारदाना कम देखते हुए खरीदी केन्द्र प्रभारियों ने उन किसानों की तौल कर दी ,जिन्होंने सेवा शुल्क अदा किया है। हम लोग खड़े रह गए हैं। केन्द्रों में प्रभारियों की तौल में व्यापक स्तर की भर्रेशाही चल रही है।
प्रमोद द्विवेदी, किसान खौर
केन्द्र में बारदाना नहीं होने के कारण तौल नहीं हो पाई है। वहीं बारदाना कम देखते हुए खरीदी केन्द्र प्रभारियों ने उन किसानों की तौल कर दी ,जिन्होंने सेवा शुल्क अदा किया है। हम लोग खड़े रह गए हैं। केन्द्रों में प्रभारियों की तौल में व्यापक स्तर की भर्रेशाही चल रही है।
प्रमोद द्विवेदी, किसान खौर
नहीं मिला टोकन
खरीदी केन्द्रों प्रभारियों के दौरान बारदाना समाप्त होने के बाद आने वाले किसानों को किसी भी तरह के टोकन व नम्बर नहीं दिए जा रहे है। बल्कि रजिस्टर में नाम लिख रहे हैं लेकिन उसमें भी मनमानी है किसका नम्बर कब है कब तौल होगी कोई बताने को तैयार नहीं है।
अशोक द्विवेदी किसान भटलो
खरीदी केन्द्रों प्रभारियों के दौरान बारदाना समाप्त होने के बाद आने वाले किसानों को किसी भी तरह के टोकन व नम्बर नहीं दिए जा रहे है। बल्कि रजिस्टर में नाम लिख रहे हैं लेकिन उसमें भी मनमानी है किसका नम्बर कब है कब तौल होगी कोई बताने को तैयार नहीं है।
अशोक द्विवेदी किसान भटलो