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आवारा पशुओं का सड़क पर डेरा, दुर्घटनाओं में लोग हो रहे हताहत

locationरीवाPublished: Aug 20, 2019 05:21:08 pm

Submitted by:

Anil kumar

पंचायतों में गौशाला खोलने की योजना पर अमल नहींआवारा पशुओं का सड़क पर डेरा, दुर्घटनाओं में लोग हो रहे हताहत

 Farmers upset

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रीवा/रामबाग. आवारा पशुओं से तराई अंचल के लोग त्रस्त हैं। अवारा पशुओं का डेरा सड़क पर ही रहता है, जिससे आएदिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। सिरमौर विधानसभा अंतर्गत तराई अंचल का क्षेत्र इस समय आवारा पशुओं से परेशान है।
नहीं खोली जा सकी गौशाला

मध्य प्रदेश सरकार ने पशुओं की व्यवस्था के लिये हर पंचायत में गौशाला खोलने की योजना तैयार की है। लेकिन पंचायतों में अभी तक गौशाला नहीं खोली जा सकी है। जिसके चलते आवारा पशु किसानों की फसल को चौपट कर रहे हैं, जो किसानों के लिये चिंता का विषय बन चुका है। बताया गया है कि किसान रातभर जागकर फसल की निगरानी करते हैं। झुण्ड में पशु खेतों में पहुंच रहे हैं। इसके अलावा सड़कों पर आवारा पशु आराम करते रहते हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। अगर आवारा पशुओं के आंतक को समाप्त नहीं किया गया तो किसान धीरे-धीरे खेती करना ही छोड़ देगें। तराई अंचल के लोगों कलेक्टर से आवारा पशुओं की उचित व्यवस्था करने की मांग की है।
गौशाला में सुविधाएं नहीं, कहां रखें गाय
जिले का गौ अभ्यारण्य इन दिनों असुविधाओं से जूझ रहा है। यहां पर क्षमता से अधिक मवेशी हैं जिनके चारा-भूसा की भी समस्या आ रही है। किसान मवेशियों को लाकर गौशाला के पास छोड़ जाते हैं। ऐसे में भरी दिक्कत हो रही है। हालांकि कई किसानों का कहना है कि गौ शाला में मवेशी नहीं लिए जा रहे हैं जिससे उनको मवेशियों को वहीं छोडऩा पड़ रहा है। ये मवेशी आसपास के किसानों के खेतों में जाकर नुकसान पहुंचा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बसामन मामा गौ अभ्यारण के संचालन समिति के अध्यक्ष अनुविभागीय अधिकारी हैं। लेकिन गौशाला में गायों को पर्याप्त भोजन नहीं नहीं दिया जा रहा है। हालांकि गौशाला प्रबंधक का कहना कि चारा-भूसा और पानी की व्यवस्था उपलब्ध है। गौशाला में गौवंश को रखने की क्षमता केवल 300 बनाई है लेकिन यहां पर किसान प्रतिदिन सैकड़ों गाय लेकर पहुंच रहे हैं। ऐसे में सभी गायों को यहां रखने की व्यवस्था नहीं है। इस संबंध में गौशाला के प्रबंधक अरूण गौतम ने बताया कि गौशाला में दो शेड में भूसा के लिए भंडार है। जिसमें केवल तीन गायों की ही व्यवस्था हो सकती है। इससे ज्यादा की कोई गुंजाइस नहीं है। इसके बाद भी किसान जाली तोड़कर कर जबरन मवेशियों को डाल रहे हैं। अब जब शेड बढ़ाए जायेंगे तभी सुविधाएं मिलेगी।
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