किसान के गांव में केन्द्र, फिर भी 25 किमी दूर दूसरे केन्द्र पर कर दिया मैपिंग
समर्थन मूल्य पर धान तौल के लिए किसान केन्द्र से लेकर कलेक्ट्रेट तक जद्दो जहद कर रहे है

रीवा. समर्थन मूल्य पर धान तौल के लिए किसान केन्द्र से लेकर कलेक्ट्रेट तक जद्दो जहद कर रहे हैं। केन्द्रों पर अव्यवस्था इस कदर है कि किसानों की मैपिंग में नाम दूसरे केन्द्रों पर 20 से 35 किमी दूर कर दी गई है। जिले के दर्जनों गांव के किसानों की मैपिंग दूसरे तहसील क्षेत्र के केन्दों पर कर दी गई है। इसका खुलासा जिला नियंत्रक कार्यालय में किसानों की ओर से दिए गए आवेदन में हुआ है।
30 किमी दूर बना दिया
कलेक्ट्रेट भवन में स्थित खाद्य कार्यालय में त्योथर के परसिया गांव निवासी फूलकली ने नियंत्रक को आवेदन देकर कहा कि साहब परसिया गांव की हूं। रजिस्ट्रिेशन परसिया में कराया था। बावजूद इसके मैपिंग 30 किमी दूर चांदी खरीद केन्द्र पर कर दिया गया है। पंजीयन गांव के केन्द्र में हुआ है। ऐसे में 260 क्विंटल धान दूसरे गांव में कैसे तौल कराने के लिए ले जाएंगे। इसी तरह अतरैला गांव निवासी छोटेलाल जायसवाल ने आवेदन देकर कहा कि धान तौल के लिए मनगवां में पंजीयन कराया है। मैपिंग में नाम देवास कर दिया गया है।
छोटा किसान हूं 30 किमी दूर बना दिया
मनगवां से देवास की दूरी 35 किमी से अधिक है। छोटा किसान हूं। उपार्जन केन्द्र बदल दिए जाने से तौल में दिक्कत हो रही है। तौल के लिए केन्द्र गंगेव में कर दिया जाए। ये कहानी अकेले इन किसानों की नहीं बल्कि हजारो की संख्या में किसान केन्द्र से लेकर अधिकारियों के कार्यालय में जद्दो जहद कर रहे हैं।
कार्यालय में हर रोज 100 से अधिक शिकायतें
नियंत्रक कार्यालय में हर रोज 100 से अधिक शिकायतें पहुंच रहीं हैं। जिसमें मैपिंग में गड़बड़ी की 90 फीसदी हैं। सात दिन के भीतर कंट्रोलरूम पर 100 से अधिक फोन आ चुके हैं। सभी ने केन्द्र बदलने की मांग उठाई है। इसी तरह नियंत्रक कार्यालय में हर रोज सैकड़ो की संख्या किसान आवेदन लेकर किसान सीधे नियंत्रक कार्यालय में आवेदन लेकर खड़े रहते हैं।
दर्जनों केन्द्रों पर तौल की प्रगति शून्य
जिले में सप्ताहभर बाद भी एर्जनों केन्द्रों पर तौल की प्रगति शून्य है। जिम्मेदारों की लापरवाह पर आला अफसर भी मेहरबान हैं। जिले में अब तक 30 हजार क्विंटल से अधिक तौल हो चुकी है। परिवहन महज पांच से छह फीसदी ही हुआ है।
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