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farming : पड़ती भूमि पर प्रवासियों ने दो एकड़ में तैयार की सब्जी की फसल

locationरीवाPublished: Jul 06, 2020 09:24:55 am

Submitted by:

Rajesh Patel

जिले में प्रवासियों ने खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है

Migrants prepared vegetable crop in two acres on the land falling

Migrants prepare vegetable crop in two acres on the fallow land

रीवा. जिले में प्रवासियों ने खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है। लॉकडाउन के दौरान गांव में लंबे समय से बंजर पड़ी भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए परिवार के साथ काम करना शुरू कर दिया है। ऐसा ही देवतालाब एरिया में छोटे लाल सोंधिया ने कर दिखाया।
गांव में पड़ती भूमि लेकर शुरू की सब्जी की खेती
जिले के देवतालाब क्षेत्र के गनिगवा गांव के छोटेलाल सोधिया के परिवार के कुछ लोग बाहर गए हुए थे। कोरोना काल में वापस आए तो खेती करने का फैसला लिया। कोरोना काल में ही सोधिया परिवार ने गांव के ही अखंड प्रताप सिंह की पड़ती भूमि लेकर दो एकड़ एरिया में आधुनिक तरीके से सब्जी की खेती प्रारंभ कर दिया है। छोटेलाल सोंधिया ने बताया कि वह एक एकड़ दिया में करैला, बैगन, खीरा, कलिंदा आदि के उत्पादन की तैयारी की है। कृषि वैज्ञानिकों की मदद से आधुनिक पद्धति से सब्जी की खेती शुरू कर दिया है। खेत में करैला, बैगन, खीरा जमीन से ऊपर आ गया है।

प्रवासियों को कृषि योजनाओं का लाभ मिले तो गांव खेती बने लाभ का धंधा
जिले में प्रदेश के बाहर से लगभग एक लाख लोग गांव लौटे हैं। जिसमें अकेले 60 से अधिक श्रमिक हैं। कई श्रमिक परिवार और कई ऐसे युवा हैं जो विभिन्न कंपनियों में काम कर रहे थे। कोरोना काल में घर लोटने के बाद अब परिवार के साथ ही खेती किसानों को लाभ का धंधा बनाने का मन बना लिया है। कई ऐसे प्रवासी हैं जिन्होंने खेत तैयार करने के लि ट्रैक्टर तक खरीद लिया है। ऐसे प्रवासियों की मदद के लिए अगर सरकारी योजनाएं जुड़ जाएं तो निश्चित ही गांव में सोना उगाने में प्रवासी सफल हो जाएंगे।
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