जिले के सेमरिया थाना क्षेत्र के बरवाह गांव में दो पक्षों के बीच जमीनी विवाद को लेकर मारपीट हुई। थाने से मामला महिला थाने पहुंचा। थाने में मारपीट में सरोज तिवारी के आवेदन पर पुलिस ने सवित्री देवी और उसके बेटे पर मारपीट का प्रकरण दर्ज कर लिया है। मामले में सावित्री ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर कार्यालय में अधिकारियों को आवेदन देकर कहा है खेत पर कब्जे का विरोध करने पर बैजनाथ तिवारी, बालेन्द्र तिवारी और सरोज ने मारपीट की और जान से मरने की धमकी दी है।
मारपीट के दौरान सरोज तिवारी ने मेरी बेटी रीतू के कान का झुमका, मंगलसूत्र, पायल सहित कई अन्य गहने छीन ले गई। जबरिया खेत पर कब्जा करने के लिए महिला थाने में झूठा प्रकरण दर्ज कराया है। सावित्री गुरुवार दोपहर कलेक्टर कार्यालय पहुंची। तीन बजे के बाद अधिकारियों को आवेदन देकर बताया कि मारपीट कर दो बोरा चना और दो हजार रुपए उठा ले गए। बेटी के गहने भी नहीं बचे। अब बेटे को छुड़ाने के लिए तीन हजार रुपए कहां से लाऊं। महिला का आरोप है कि बेटे को छोडऩे के नाम पर पैसे की मांग की जा रही है।
इस मामले में महिला टीआइ आराधना ङ्क्षसह ने बताया कि सवित्री देवी और उसके बेटे पर मारपीट का प्रकरण दर्ज है। पीडि़त सरोज की एमएलसी रिपोर्ट के आधार पर सवित्री पर प्रकरण दर्ज है। केस खत्म करने के दवाब में सरोज के परिवार पर दुराचार का केस दर्ज कराने का दवाब बना रही है। पुलिस रेकॉर्ड के अनुसार इस तरह के हररोज आधा दर्जन से ज्यादा प्रकरण आते हैं। जिसमें एक दूसरे को फंसने के होते हैं। जांच करने के बाद झूठ साबित हो जाते हैं।
जिलेभर से महिला थाने में अप्रेल में करीब पंद्रह दिन के भीतर 47 से अधिक शिकायतें पहुंचीं। पुलिस की जांच में ज्यादातर शिकायतें झूठी निकली। शिकायतों में ज्यादातर मामले जमीनी विवाद, पति-पत्नी के आपसी झगड़े, सास, बहू और नंद की कहासुनी के साथ ही दहेज प्रकरण शामिल हैं। टीआई ङ्क्षसह के अनुसार हर रोज थाने में आधा दर्जन से ज्यादा ऐसी शिकायतें आती हैं। जांच के बाद झूठी रहती हैं।
गुरुवार को भी गोविंदगढ़ क्षेत्र का ऐसा ही हाइप्रोफाइल मामला पहुंचा था। पीएचडी की पढ़ाई करने वाली महिला की एक बेटी है। थाने में तहरीर देकर पति पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। इस तरह के अप्रेल माह में अब तक १० से अधिक प्रकरण आए हैं। इसी तरह किशोरी और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामले आए हैं। जांच के दौरान पता चलता है कि कहीं पैसे का लेन-देन तो कहीं मकान और जमीन पर कब्जा की शिकायत को छेडख़ानी में दर्ज कराने के लिए दवाब बनाते हैं।