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रीवा में फीवर क्लीनिकों पर तीन लाख से अधिक टेस्ट

locationरीवाPublished: Dec 05, 2020 08:16:07 am

Submitted by:

Rajesh Patel

जिला अस्पताल में फीवर क्लीनिक पर जांच कराने वालों की भीड़ बरकार, हर रोज औसत एक हजार की हो रही जांच

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रीवा. कोरोना काल में टेलीमेडिसिन और फीवर क्लीनिकों पर अब तक लाखो की संख्या में टेस्ट हो चुके हैं। शुक्रवार को भी जिला अस्पताल में फीवर क्लीनिक पर सैकड़ो की संख्या में टेस्ट के लिए पहुंचे। दोपहर दो बजे फीवर क्लीनिक के बगल स्थित लैब में स्वास्थ्य कर्मचारी के नहीं होने से एक घंटेभर तक जांच प्रभावित रही। इस दौरान जांच कराने के लिए पहुंचे लोगों को दिक्कत हुई। हैरानी की बात तो यह कि जिला अस्पताल में टू्र-नाट मशीन से जांच करने वाली लैब तीन माह से बंद है।
जिला मुख्यालय पर टेलीमेडिसिन और फीवर क्लीनिक साथ में संचालित की जा रही है। कुल मिलाकर 23 फीवर क्लीनिक संचालित हो रही हैं। क्लीनिकों पर प्रारंभ में तीन तरह की टेस्ट हो रही। पहला आरटीपीसीआर ( रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन ), दूसरा रैपिड किट के तहत एंटीबॉटीज टेस्ट गले या मुंह में सैंपल लेकेर जांच होती है। नतीजे 20 से 30 मिनट में आ जाते हैं। तीसरी जांच ट्रू-नाट मशीन से होती है। लेकिन, तीन माह से ट्रू-नाट की जांच बंद हो गई है। जिलेभर में फीवर क्लीनिकों पर प्रति दिन औसत एक हजार की जांच हो रही है।
घंटेभर प्रभावित रही जांच
जिला अस्पताल परिसर में स्थित फीवर क्लीनिक के बगल लैब में दोपहर दो बजे से तीन बजे तक लैब पर जांच प्रभावित रही। फीवर क्लीनिक पर चिकित्सक जांच कराने के लिए पर्चा जारी कर दिए। लैब में कर्मचारी के नहीं होने से पर्चा लेकर घंटेभर खड़े रहे। मधूसुदन मिश्रा, लक्ष्मीकांत तिवारी आदि दो बजे से तीन बजे तक खड़े रहे। इसी तरह घंटेभर जांच प्रभावित होने के दौरान दर्जनों की संख्या में लोग पर्चा लेकर भटकते रहे।
तीन माह से ट्रू-नाट मशीन का उपयोग नहीं
जिला अस्पताल में करीब तीन माह से ट्रू-नाट मशीन से जांच नहीं की जा रही है। बताया गया कि इसके लिए दो कर्मचारियों की ड्यूटी भी चल रही है। बावजूद इसके जांच का काम बंद है। इतना ही नहीं जांच बंद होने के बाद भी कर्मचारियों को वेतन जारी किया जा रहा है।
वर्जन…
फीवर क्लीनिकों पर जांच के लिए पहुंच रहे लोगों की आरटीपीसीआर और एंटीजन के तहत जांच की जा रही है। जब से संजय गांधी अस्पताल में लैब चालू हो गई है। तबकि से ट्रू-नाट की जांच बंद हो गई है। ट्र-नाट के कर्मचारियों को वापस कर दिया गया है।
डॉ. एमएल गुप्ता, प्रभारी सीएमएचओ
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