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करीबियों के नाम की सरकारी जमीन, तत्कालीन तहसीलदार सहित 20 के विरुद्ध एफआइआर दर्ज

locationरीवाPublished: Dec 29, 2022 02:39:11 am

Submitted by:

Pushpendra pandey

इओडब्ल्यू रीवा इकाई की कार्रवाई, सिंगरौली जिले के देवसर में पदस्थ रहते खसरे में कूटरचित तरीके से किया था बदलाव

Singrauli Fir

Singrauli Fir

रीवा। राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने सिंगरौली जिले के देवसर तहसील के तत्कालीन तहसीलदार और कानूनगो के साथ ही 20 लोगों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज किया है। इन पर सरकारी दस्तावेजों में कूटरचना करते हुए शासन की भूमि को अपने परिजनों एवं अन्य करीबियों के नाम पर किए जाने का आरोप है।

यह है पूरा मामला
सिंगरौली जिले के देवसर तहसील के ग्राम कर्री में वर्ष 2008 से 2010 के बीच उपेन्द्र सिंह तत्कालीन तहसीलदार देवसर, मुनीन्द्र मिश्रा तत्कालीन अभिलेखागार प्रभारी एवं सूर्यभान सिंह तत्कालीन हल्का पटवारी कर्री द्वारा आपराधिक षडय़ंत्र रचकर गांव के 16 खसरों को काट पीट कर एवं सफेदा लगाकर मध्यप्रदेश शासन की 93.14 हेक्टेयर भूमि को निजी भूमि बना दिया। उपेन्द्र सिंह तत्कालीन तहसीलदार के भाई राजेन्द्र सिंह एवं तहसीलदार देवसर के तत्कालीन अभिलेखागार प्रभारी मुनीन्द्र मिश्रा के भाई प्रमोद कुमार मिश्रा एवं अन्य कृषकों के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज कर दी गई थी। उस दौरान नायब तहसीलदार देवसर द्वारा न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध कर उपरोक्त सभी भूमियों को मध्यप्रदेश शासन घोषित कर दिया गया था। इस संबंध में कृषकों द्वारा एसडीएम न्यायालय देवसर में अपील प्रस्तुत की गई, जिस पर एसडीएम देवसर द्वारा हितग्राहियों की अपील निरस्त कर दी गई। बाद में यह मामला विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में आया तो इसकी जांच कराई गई। पाया गया कि कूटरचित तरीके से हेराफेरी की गई है। इस वजह से मामला जांच के लिए इओडब्ल्यू के पास भेजा गया था।
इनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज
इओडब्ल्यू में 28 दिसंबर को जिन पर एफआइआर दर्ज की गई है उसमें प्रमुख रूप से उपेन्द्र सिंह, तत्कालीन तहसीलदार देवसर, मुनीन्द्र मिश्रा आफिस कानूनगो एवं अभिलेखागार प्रभारी, सूर्यभान सिंह तत्कालीन पटवारी, प्रमोद कुमार, राजेन्द्र सिंह, लखनलाल, नन्दलाल, सावित्री, प्रेमिया पुत्री अयोध्या प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद, उमाकान्त, कृपाकान्त, ऋषिकान्त, मुलायम सिंह, भगवानदास, शेल देवी, रामनाथ सिंह गोड, मोहन सिंह, अन्नू देवी सहित अन्य संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 120 बी भादवि एवं 7 (सी), 13 (1) 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 ( संशोधन अधिनियम 2018 ) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
कूटरचना पर पहले भी एफआइआर दर्ज
देवसर तहसील क्षेत्र के ग्राम कठदहा की शासकीय भूमियों में संबंधित राजस्व अभिलेखों में काटपीट और सफेदा लगाकर एवं उपरिलेखन कर निजी व्यक्तियों के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज किए गए थे। इस पर तत्कालीन तहसीलदार एवं अन्य विभागीय कर्मचारियों पर ही आरोप लगे थे। इस पर वर्ष 2015 में इओडब्ल्यू में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। उक्त प्रकरण में भी उपेन्द्र सिंह तत्कालीन तहसीलदार देवसर, मुनीन्द्र मिश्रा तत्कालीन अभिलेखागार प्रभारी देवसर आरोपी हैं
कंपनियों का मुआवजा पाने कराई हेराफेरी
सिंगरौली जिले में प्राइवेट व्यवसायिक कंपनियों के स्थापित होने से वहां की भूमियों का बड़ी राशि का मुआवजा प्राप्त करने के लिए इस कूटरचना में कई अधिकारी शामिल रहे हैं। कंपनियों की स्थापना की खबर पाते ही उसे क्षेत्र में भूमि की खरीदी-बिक्री तेज हो गई थी। इसी दौरान तत्कालीन अधिकारियों ने लोगों से पैसे लेकर सरकारी भूमि को निजी पट्टे की बनाने का लंबा खेल किया। इस संबंध में करीब आधा दर्जन से अधिक संख्या में शिकायतें अभी जांच में हैं। जल्द ही कई एफआइआर और दर्ज होंगे।

सरकारी भूमि के दस्तावेजों में काटछांट कर निजी व्यक्तियों के नाम किए जाने का मामला सिंगरौली जिले से आया था। जिस पर तत्कालीन तहसीलदार सहित अन्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। अलग-अलग गांवों से कई मामलों की जांच अभी चल रही है।
वीरेन्द्र जैन, एसपी इओडब्ल्यू रीवा

 

 

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