scriptरीवा के इस जलप्रपात के पास लगी आग, जंगल का नुकसान, जानवर गांव की ओर भागे | fire in forest of rewa madhya pradesh, alert system | Patrika News

रीवा के इस जलप्रपात के पास लगी आग, जंगल का नुकसान, जानवर गांव की ओर भागे

locationरीवाPublished: Apr 11, 2019 08:45:23 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

– दो दिन की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाए जाने का दावा

rewa

fire in forest of rewa madhya pradesh, alert system

रीवा। गर्मी के चलते अगजनी की घटनाएं तेजी होती जा रही हैं। सिरमौर के नजदीक बरदहा घाटी में आग भड़कने की सूचना एक दिन पहले मिली थी, जिसे काबू पाने के प्रयास में जुटी वन विभाग की टीम ने एक हिस्से में बढऩे से रोका तो वहीं यह आग बढ़ते हुए क्योंटी के प्रपात के नजदीक तक जा पहुंची। यह ऐसा दुर्गम हिस्सा था जहां पर पहुंचना वनकर्मियों को मुश्किल हो रहा था। इस हिस्से से नीचे उतरते समय पत्थरों के गिरने का भी खतरा होता है, लिहाजा टीम को दूसरे हिस्से से उतारा गया। पहले दिन इसका नियंत्रण करने में देर रात तक सफलता वन विभाग को नहीं हुई, लेकिन गुरुवार को भोर से ही पूरी टीम एक्टिव कर दी गई थी। जिसकी वजह से दोपहर बाद तक आग पर काबू पाया गया। इस बीच हजारों की संख्या में पेड़-पौधों का नुकसान हुआ है।

– दुर्लभ औषधि वाले हिस्से में पहुंची आग
क्योंटी के प्रपात के आसपास कई दुर्लभ औषधियां होने की जानकारी मिली है। बताया जा रहा है कि इस आग की वजह से उन पर भी सीधी असर पड़ा है। कई महत्वपूर्ण औषधियों को नुकसान हो गया है। इसी क्षेत्र में सोमवल्ली एवं अन्य कई ऐसी औषधियां पाई जाती हैं जो दूसरे स्थानों पर बहुत कम ही होती हैं। इस क्षेत्र में भौगोलिक बनावट ऐसी है कि आम लोग एवं जानवर भी नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे औषधियां अब तक सुरक्षित रही हैं। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि कुछ हिस्से तक ही आग फैल पाई थी, अन्य स्थानों पर बढऩे से पहले ही उस पर काबू पाया गया है। बताया जा रहा है कि जिले के कई हिस्सों में इस वर्ष गर्मी अधिक होने से पहले ही आग लगने की सूचनाएं मिल चुकी हैं। जिसकी वजह से वन विभाग के अधिकारियों ने सभी रेंजरों को अलर्ट कर दिया है कि वह अपने स्तर पर भी इस पर निगरानी बनाए रखें।

– फायर अलर्ट सिस्टम से मिल रही सूचना
जंगलों में आग लगने की सूचना पाने के लिए कुछ साल पहले ही डेवलप किए गए फारेस्ट फायर अलर्ट सिस्टम से जंगल में उठने वाले धुंए की सूचना सेटेलाइट के माध्यम से वन विभाग के अधिकारियों तक पहुंचती है। इसकी जानकारी में आग एवं धुंए की लोकेशन भी मिलती है, जिसकी वजह से संबंधित क्षेत्र के वनकर्मियों को मौके पर भेजा जाता है। कई बार खेतों में आग लगाए जाने की वजह से धुंए की सूचना अलर्ट में आ जाती है, मौके पर पहुंचने के बाद पता चलता है कि यह जंगल की आग नहीं है।

क्योंटी प्रपात क्षेत्र में आग लगने की सूचना मिली थी। भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी थी कि वहां पहुंचने में कठिनाइयां आई हैं लेकिन अब आग पर काबू पाया गया है। सभी रेंजर्स से कहा गया है कि वह अपने क्षेत्र में इस पर चौकन्ना रहें।
ऋषि मिश्रा, उप वनमंडलाधिकारी रीवा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो