scriptसावन का पहला सोमवार : महामृत्युंजय सहित सभी शिव मंदिरों में लगेगा भक्तों का तांता | First Monday of Savan Shiva temples, including Mahamrityunjaya | Patrika News

सावन का पहला सोमवार : महामृत्युंजय सहित सभी शिव मंदिरों में लगेगा भक्तों का तांता

locationरीवाPublished: Jul 22, 2019 12:27:41 am

Submitted by:

Vedmani Dwivedi

– विधि विधान से होगी महादेव की पूजा-अर्चना

First Monday of Savan Shiva temples, including Mahamrityunjaya

First Monday of Savan Shiva temples, including Mahamrityunjaya

रीवा. सावन के पहले सोमवार को आज शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगेगा। महादेव के पूजन – अर्चन कर उन्हें प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु कई प्रकार से उनकी पूजा करेंगें। शहर में किला स्थित महामृत्युंजय मंदिर में सबसे अधिक भक्त पहुंचते हैं। सुबह से ही भक्त गण वहां पहुंचने लगेंगे। महादेव को जल चढ़ाया जाएगा, दुग्धाभिषेक होगा। बेलपत्र एवं फल अर्पित किया जाएगा। कुछ श्रद्धालु महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराएंगे। इस प्रकार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से उनकी पूजा – अर्चना में जुट जाएंगे।
वेसे तो 17 जुलाई से श्रावण कृष्णपक्ष का प्रवेश हो चुका है। इसके साथ ही भगवान भोले नाथ का पूजन – अर्चन भी शुरू हो गया है, लेकिन सावन में सोमवार को पूजन – अर्चन का विशेष महत्व है। इस वर्ष चार सोमवारों से सुसज्जित श्रावण मास 29 दिवसीय होगा। मान्यता है कि जब जगत नियंत्रण भगवान विष्णु पाताल में गमन करते हैं तब जगत के पोषण की जिम्मेदारी भगवान शिव पर आती है और श्रावण मास प्रारंभ होता है।

पृथ्वी पर विचरण करते हैं भगवान शिव
पौराणिक मान्यताएं है कि श्रावण मास के दौरान भगवान शिव कैलाश पर्वत से आकर पृथ्वी पर विचरण करते हैं। श्रावण मास में शिव अभिषेक तथा पार्थिव शिवलिंग पूजन का विशेष महत्व माना गया है। ज्योतिर्विद राजेश साहनी ने बताया कि आम तौर पर श्रावण मास में चार सोमवार का संयोग बनता है। इस वर्ष सावन मास में 22 जुलाई, 29 जुलाई, 5 अगस्त एवं 12 अगस्त को सोमवार है, जिसे सावन सोमवार को नाम से जाना जाएगा। इनमें से दो सोमवार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में और दो सोमवार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में पड़ेंगे। इस वर्ष सावन सोमवार कुछ विशेष संयोग में पड़ रहे हैं। जैसे श्रावण मास का दूसरा एवं अंतिम सोमवार प्रदोष में पड़ेगा। श्रावण मास का तीसरा सोमवार 5 अगस्त को नाग पंचमी के शुभ संयोग में पडऩे जा रहा है।

मंगला गौरी व्रत भी होंगे
16 सोमवार के व्रतों का शुभारंभ भी सावन से ही होता है। इसी प्रकार श्रावण मास के मंगलवार को मंगला गौरी पूजन एवं व्रत किए जाने का विधान है। श्रावण में 23 जुलाई, 30 जुलाई एवं 6 व 13 अगस्त को मंगला गौरी व्रत किए जा सकेंगे। श्रावण मास में सोमवार की तरह ही मंगलवार को किए जाने वाले मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व माना गया है।

प्रथम सोमवार को महामायाधारी शिव की पूजा
ज्योतिर्विद के मुताबिक श्रावण मास के प्रथम सोमवार का आगमन श्रावण कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि एवं पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हो रहा है जो की शुभ है। पौराणिक मत के अनुसार श्रावण माह में शिव की पूजा, अभिषेक, शिव स्तुति एवं मंत्र जाप का विशेष महत्व है। विशेषत: श्रावण सोमवार को महादेव की आराधना से शिव और शक्ति दोनों की कृपा प्राप्त होती है। सामान्यत: श्रावण मास के सभी सोमवारों में शिव पूजन का विधान है परंतु अलग-अलग शिव स्वरूपों का भी पूजन विधान शास्त्रों में है। सावन के प्रथम सोमवार को महामायाधारी भगवान शिव की आराधना की जाती है। शिवलिंग में महामाया धारी शिव का आवाहन करते हुए शिव पूजन एवं अभिषेक आदि कृत्य किए जाते हैं। श्रावण मास के प्रथम सोमवार को शिवलिंग पर एक मु_ी चावल अर्पित करने से शिव को प्रसन्नता होती है तथा मनुष्य की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

ऐसे करें शिव पूजा
प्रात: काल स्नान के बाद शिव पूजा एवं सोमवार व्रत का संकल्प करें। पूर्व अथवा उत्तर मुखी होकर दूध दही घी एवं पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं अथवा अभिषेक करें। शिवलिंग पर शमी के पत्ते, बिल्वपत्र ,बेल, भांग, धतूरा, यज्ञोपवीत तथा वस्त्र अर्पित करें। शिव सहस्त्रनाम, शिव चालीसा, शिव तांडव स्त्रोत, पंचाक्षरी मंत्रों का यथासंभव पाठ करें। कपूर से आरती करते हुए शिव पूजन का समापन करें।

सहस्त्र नेत्रों वाले हैं महामृत्युंजय भगवान
किला परिसर स्थित महामृत्युंजय मंदिर के पुजारी वंशपति प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि, महामृत्युंजय भगवान सहस्त्र नेत्रों वाले हैं। इसके पूजन – अर्चन से श्रद्धालुओं की सभी प्रकार की मनोकामना पूरी होती है। सुबह, दोपहर एवं शाम पूजा होती है। महामृत्युंजय भगवान का दर्शन एवं पूजन करने लोग दूर – दूर से आते हैं। यह मंदिर करीब तीन सौ वर्ष पुराना बताया जाता है।

शिवलिंग पर यह 10 वस्तुएं चढ़ाने से पूरी होगी मनोकामना
-श्रावण मास में मात्र एक लोटा जल शिवलिंग पर अर्पित करने से पापों से छुटकारा मिलता है
-शिवलिंग पर अर्पित दुग्ध मानसिक संवेगो को नियंत्रित रखता है साथ ही अनिष्ट चंद्रमा की शांति।
-थोड़ा सा दही शिवलिंग पर श्रद्धा पूर्वक चढ़ा दे। भौतिक सुखों में वृद्धि होगी।
-चीनी नित्य शिवलिंग पर अर्पण करें। संबंधों में कड़वाहट एवं वाद विवाद की स्थिति में बहुत लाभदायक है।
-श्रावण मास में कुछ मधु अथवा शहद शिवलिंग पर नित्य अर्पित करें।
-नाग शिव शंभू का आभूषण है तथा नागों को चंदन प्रिय है। इससे राहु केतु एवं कालसर्प दोष दूर होते हैं।
-शिवलिंग पर बेल अर्पित करने से शिव के साथ लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है।
-शिवलिंग पर केसर के कुछ कण श्रावण मास में चढ़ाने से शिव को प्रसन्नता होती है
-शिवलिंग पर सावन मास में भांग चढ़ाने से मानसिक विकार दूर होते हैं।
-एक चुटकी भस्म शिवलिंग पर चढ़ाने से आध्यात्मिकता और शक्ति का विकास होता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो