रीवा शहर से गुजरने वाली बीहर नदी के टापू और पुराने आरटीओ भवन के मध्य इको पार्क विकसित किया जाना है। इसके लिए नदी में पिलर बनाने पानी ही रोक दिया गया है। ठेकेदार के रसूख के आगे नगर निगम प्रशासन और टीएचसी प्रबंधन लाचार साबित हो रहा है। पिलर बनाने का कार्य भी काफी धीमी गति से चल रहा है, जिसकी वजह से अभी और समय लगने का अनुमान है। पूर्व में भी इस प्रोजेक्ट को लेकर सत्ताधारी नेताओं के कहने पर कई दिनों तक बाणसागर का पानी रोका गया था, नदी का पानी सूखने के चलते लोगों को बड़ी समस्याएं हुई थी। बाद में गुणवत्ताहीन निर्माण के चलते एक ही बारिश के झटके में पूरा निर्माण नदी में बह गया। अब फिर से इसका निर्माण शुरू कराया गया है।
बांध का पानी 10 से 17 मार्च तक के लिए रोका गया था लेकिन ठेकेदार के कहने पर दो दिन फिर से रोक दिया गया है। अब १९ मार्च की सायं बांध से पानी छोड़ा जाएगा जो 20 को बीहर नदी में आएगा। कहा जा रहा है कि यदि इको पार्क के पिलर निर्माण के लिए समय मांगा गया तो इसे और बढ़ाया जा सकता है।
बीहर नदी में पानी नहीं आने से शहर के फिल्टर प्लांटों को भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। नदी के स्वयं की धार पहले ही बंद हो चुकी है, नहर के पानी पर ही इसकी निर्भरता है। शहर की नालियों का जो पानी नदी में पहुंचता है उसी को फिल्टर कर सप्लाई किया जा रहा है। यह भी हर दिन नहीं हो पा रहा है। बताया गया है कि जिन स्थानों पर पानी पहुंचा है वह दूषित बदबूदार है। जबकि शहर के कई हिस्सों में पानी पहुंचा ही नहीं है।
बीते 10 मार्च से बांध का पानी आना बंद है, जिसके चलते बिजली उत्पादन नहीं हो रहा है। इनदिनों औसत 12 से 15 लाख यूनिट तक उत्पादन हो रहा था। जैसे ही नहर में पानी आना शुरू होगा, उत्पादन भी प्रारंभ हो जाएगा।
संतोष शुक्ला, उत्पादन प्रभारी टीएचसी सिरमौर