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बाणसागर बांध का पानी रोका तो ठप हो गए पांच पॉवर प्लांट, दस दिन में करोड़ों की बिजली का नुकसान

locationरीवाPublished: Mar 19, 2019 12:41:53 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

– बीहर नदी में आने वाला बाणसागर का पानी बंद होने के चलते आई समस्या- इको पार्क निर्माण के लिए बंद कराया गया है बांध का पानी

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Five power plants stalled after the water of Bansagar dam stopped

रीवा। टोंस हाइडल कार्पोरेशन में बीते 10 दिनों से बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है। बाणसागर बांध से आने वाला पानी रोके जाने के चलते उत्पादन ठप हुआ है। इससे करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। बाणसागर बांध से सोन नदी का पानी नहर के माध्यम से बीहर नदी में गिराया जाता है। इसी पानी से सिलपरा और सिरमौर में बिजली का उत्पादन किया जाता है। बीते 10 मार्च से दोनों जगह का उत्पादन ठप है। इन 10 दिनों में करीब नौ करोड़ रुपए से अधिक की बिजली का उत्पादन नहीं हो सका है। बताया गया है कि सिरमौर के प्लांट में तीनों इकाइयों से इनदिनों औसत १२ से १५ लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा रहा था। इसी तरह सिलपरा के प्लांट में दो से ढाई लाख यूनिट प्रतिदिन बिजली का उत्पादन हो रहा था। दोनो प्लांटों में उत्पादन औसत १५ लाख यूनिट के करीब था। इस तरह से नौ दिनों से उत्पादन ठप होने के चलते करीब १.३५ करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हो सका है। न्यूनतम छह रुपए की दर से बिजली सरकार उपभोक्ताओं को मुहैया कराती है। इससे अधिक दर पर भी बिजली का बिल वसूला जाता है। इस तरह से १.३५ करोड़ यूनिट बिजली का छह रुपए प्रति यूनिट की दर से मूल्य ८.१० करोड़ रुपए से अधिक होता है। माना जा रहा है इससे भी अधिक का नुकसान हुआ है। बाणसागर बांध से आने वाले पानी से बिजली का उत्पादन सिलपरा एवं सिरमौर में किया जाता है। बिजली की मांग के अनुसार यहां पर उत्पादन होता है। बरसात के दिनों में पानी पर्याप्त मिलने से उत्पादन तो बढ़ता है लेकिन आपूर्ति के लिए मांग कम होने से पूरा उत्पादन नहीं किया जाता है। बीते सप्ताह मौसम में बदलाव आया था और गर्मी शुरू होने लगी थी, इसलिए बिजली की मांग भी बढऩे लगी थी। इसी बीच बारिश होने की वजह से मौसम में फिर ठंडक लौटी है लेकिन अब प्लांट ही ठप है।
इको पार्क बनाने रोक रखा है पानी
रीवा शहर से गुजरने वाली बीहर नदी के टापू और पुराने आरटीओ भवन के मध्य इको पार्क विकसित किया जाना है। इसके लिए नदी में पिलर बनाने पानी ही रोक दिया गया है। ठेकेदार के रसूख के आगे नगर निगम प्रशासन और टीएचसी प्रबंधन लाचार साबित हो रहा है। पिलर बनाने का कार्य भी काफी धीमी गति से चल रहा है, जिसकी वजह से अभी और समय लगने का अनुमान है। पूर्व में भी इस प्रोजेक्ट को लेकर सत्ताधारी नेताओं के कहने पर कई दिनों तक बाणसागर का पानी रोका गया था, नदी का पानी सूखने के चलते लोगों को बड़ी समस्याएं हुई थी। बाद में गुणवत्ताहीन निर्माण के चलते एक ही बारिश के झटके में पूरा निर्माण नदी में बह गया। अब फिर से इसका निर्माण शुरू कराया गया है।
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आज सायं छोड़ा जाएगा पानी
बांध का पानी 10 से 17 मार्च तक के लिए रोका गया था लेकिन ठेकेदार के कहने पर दो दिन फिर से रोक दिया गया है। अब १९ मार्च की सायं बांध से पानी छोड़ा जाएगा जो 20 को बीहर नदी में आएगा। कहा जा रहा है कि यदि इको पार्क के पिलर निर्माण के लिए समय मांगा गया तो इसे और बढ़ाया जा सकता है।
शहर की पेयजल सप्लाई बाधित
बीहर नदी में पानी नहीं आने से शहर के फिल्टर प्लांटों को भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। नदी के स्वयं की धार पहले ही बंद हो चुकी है, नहर के पानी पर ही इसकी निर्भरता है। शहर की नालियों का जो पानी नदी में पहुंचता है उसी को फिल्टर कर सप्लाई किया जा रहा है। यह भी हर दिन नहीं हो पा रहा है। बताया गया है कि जिन स्थानों पर पानी पहुंचा है वह दूषित बदबूदार है। जबकि शहर के कई हिस्सों में पानी पहुंचा ही नहीं है।

बीते 10 मार्च से बांध का पानी आना बंद है, जिसके चलते बिजली उत्पादन नहीं हो रहा है। इनदिनों औसत 12 से 15 लाख यूनिट तक उत्पादन हो रहा था। जैसे ही नहर में पानी आना शुरू होगा, उत्पादन भी प्रारंभ हो जाएगा।
संतोष शुक्ला, उत्पादन प्रभारी टीएचसी सिरमौर
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