रीवा

भोजन में कीटनाशक के प्रभाव बताने वाले रीवा के युवा वैज्ञानिक को इंटरनेशनल पुरस्कार

फ्रांस के पेरिस में हुए इंटरनेशनल कांफ्रेंस में किया गया सम्मानित
 

रीवाOct 28, 2018 / 09:04 pm

Mrigendra Singh

food research madhya-pradesh chhattisgarh

रीवा। शहर के युवा वैज्ञानिक को इंटरनेशनल लेवल के प्रोग्राम में पुरस्कृत किया गया है। फांस के पेरिस में आयोजित किए गए इंटरनेशनल कांफ्रेंस में सम्मानित किया गया। युवा वैज्ञानिक डॉ. स्यमंतकमणि त्रिपाठी मूलरूप से मनिकवार के पास अहिरगांव के रहने वाले हैं। इन्होंने छत्तीसगढ़ की कामधेनु विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक रहते हुए कई अहम शोध किए हैं। जिसमें प्रमुख रूप से कीटनाशकों के उपयोग से मानव एवं पशु-पक्षियों को होने वाले स्वास्थ्य के नुकसान पर अध्ययन किया है।
उन्होंने पेरिस के कांफ्रें स में शोध से जुड़ी जानकारी प्रस्तुत की। जिसमें बताया कि खेती में इनदिनों कीटनाशकों का उपयोग व्यापक पैमाने पर हो रहा है। इससे फसल को कीटों से तो बचाया जाता है लेकिन इन्हीं फसलों-सब्जियों में कीटनाशक का प्रभाव बना रहता है। इनके सेवन से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। चाहे मनुष्य सेवन करें अथवा पशु या पक्षी। इसके दुष्प्रभावों पर बताया कि टीकाकरण का प्रभाव घटता है, रोगप्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है साथ ही कैंसर आदि होने का खतरा बना रहता है। अनुसंधान में कई विकल्प भी इसके लिए स्यमंतकमणि की ओर से बताए गए हैं।
जिसमें कम खर्च में किस तरह स्वास्थ्य को होने वाली हानि से बचाया जा सकता है, इसके भी तरीके उनकी ओर से बताए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर के मिले इस पुरस्कार से क्षेत्र के लोगों ने प्रसन्नता जाहिर की है। युवा वैज्ञानिक के बड़े भाई किसान नेता सुब्रतमणि त्रिपाठी ने बताया कि इस अनुसंधान से किसानों के साथ ही समाज के हर तबके को लाभ होगा।
दुनिया के आधा सैकड़ा से अधिक वैज्ञानिक हुए शामिल
पेरिस के कांफ्रेंस में दुनियाभर के आधा सैकड़ा से अधिक देशों के वैज्ञानिकों ने अपने शोध की जानकारी दी। इसमें से युवा वैज्ञानिकों में सबसे बेहतर प्रजेंटेशन डॉ. स्यमंतकमणि त्रिपाठी का रहा है। इस कारण उन्हें यह पुरस्कार दिया गया। इतना ही नहीं फ्रांस के कई महत्वपूर्ण शोध संस्थानों में उनका भ्रमण भी कराया गया।
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