– डिप्टी कमिश्नर ने सायं मार्गदर्शन मांगा तो रात्रि में ही आयोग ने जारी कर दिया नोटिस- राज्य सूचना आयोग ने रात्रि के नौ बजे नोटिस जारी किया, दोपहर 12 बजे तक प्रस्तुत करना होगा दस्तावेज
For the first time, the commission issued the order at night, RTI
रीवा। राज्य सूचना आयोग द्वारा पहली बार रात्रि में ही एक्शन लेने का मामला सामने आया है। जिसमें डिप्टी कमिश्नर को नोटिस जारी कर अपील से जुड़े दस्तोवज तलब किए गए हैं। रीवा के अपीलकर्ता शिवानंद द्विवेदी की अपील में दोपहर करीब एक बजे से आडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सुनवाई की थी। जिस पर अपीलकर्ता ने आयोग के सामने यह आपत्ति उठाई कि डिप्टी कमिश्नर केपी पाण्डेय बिना सत्यापित जानकारी दे रहे हैं।
सुनवाई के दौरान पाण्डेय ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि आयोग से उन्होंने इस संबंध में मार्गदर्शन चाहा है। इस पर राज्य सूचना आयुक्त ने डिप्टी कमिश्नर को सुनवाई के दौरान ही निर्देशित किया था कि लोक सूचना अधिकारी के सील से दस्तावेज सत्यापित करने के बाद ही देने का प्रावधान है, और जब अपीलकर्ता इसकी मांग कर रहे हैं तो नियमों के अनुसार सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं।
दोपहर के समय डिप्टी कमिश्नर से आयोग के सामने यह अनुरोध किया कि वह अपने द्वारा किए गए पत्राचार पर पक्ष रखने के लिए कुछ समय चाहते हैं। इस पर आयोग ने समय भी दिया था। डिप्टी कमिश्नर ने सायं के ७.३४ बजे राज्य सूचना आयुक्त के नाम एक पत्र भेजा, जिसमें लिखा कि सत्यापित प्रति देने के मामले में अब तक आयोग का मार्गदर्शन प्राप्त नहीं हुआ है।
इस पर रात्रि में ही कार्रवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने आदेश जारी करते हुए कहा कि आडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में दोपहर दो बजे ही मार्गदर्शन जारी किया गया था, फिर भी सायं पत्र लिखकर कहा जा रहा है मार्गदर्शन नहीं मिला।
आयोग ने डिप्टी कमिश्नर को निर्देशित किया है कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्रपत्र 5 और प्रपत्र 6 के तहत संधारित पंजी की प्रतिलिपि आयोग के सामने 29 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक प्रस्तुत करें। कहा गया है कि वाट्सएप से भेजी गई नोटिस की स्क्रीनशाट नोटसीट में दर्ज होगी।
रीवा के लिए यह पहला मामला जब रात्रि के समय राज्य सूचना आयोग ने इस तरह से त्वरित जवाब प्रस्तुत करते हुए नोटिस देकर जानकारी तलब की है। बीते कुछ महीने के अंतराल में कई ऐसे निर्णय आयोग की ओर से लिए गए हैं जो इसके पहले नहीं लिए गए थे। इन कार्रवाइयों से अधिनियम के प्रति लोगों में जागरुकता भी बढ़ी है।
Mrigendra Singh IMAGE CREDIT: patrika– आयोग के निर्देश बन रहे नजीर एक्शन मैन के नाम से चर्चित हुए राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बीते कुछ महीने के अंतराल में कई ऐसे त्वरित निर्देश देते रहे हैं जिससे सूचना का अधिकार अधिनियम को लेकर लोगों में जागरुकता भी बढ़ी है। कोरोना काल की वजह से आनलाइन सुनवाई शुरू कराई तो अब हर दिन कई मामलों का निराकरण हो रहा है और अधिकारियों का भी समय बच रहा। अब रात्रि के समय आदेश देने के चलते यह संदेश जा रहा है कि लोक सूचना अधिकारी या अपीलकर्ता यदि रात्रि में भी कोई मार्गदर्शन मांगते हैं तो आयोग उसके लिए भी तैयार है। ऐसे में आयोग को गुमराह करने की नियति से यदि रात्रि में मांग की जाएगी तो कार्रवाई भी होगी, इसका भी संदेश दिया गया है।