बता दें कि हाल ही में हुए शिवराज सिंह मंत्रिमंडल विस्तार में विंघ्य क्षेत्र के किसी विधायक को शामिल नहीं किया गया। यहां तक कि रीवा रियासत के युवा विधायक जिन्होंने लगातार दूसरी बार भाजपा का कमल खिलाया है, उन्हें भी नहीं पूछा गया। जिस जिले की आठ की आठो सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा हो उसे इस तरह से नकारे जाने से लोगों में गुस्सा है। वो खुद को ठगा महसूस करने लगे है। वैसे विधायक भले ह अभी खामोश हैं पर समर्थकों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। खास तौर पर व्यापारी वर्ग अब मुखर हो गया है।
ये भी पढें-गुस्सा तो होगा हीः शिवराज मंत्रिमंडल में उस विंध्य क्षेत्र की उपेक्षा जहां बजा था भाजपा का डंका रीवा के व्यापारियों ने काली पट्टी बांधकर तथा काला मास्क लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। वो कोठी कंपाउंड स्थित साईं मंदिर पहुंचे और उन्होंने भाजपा के लोगों को सद्बुद्धि देने के लिए प्रार्थना की। व्यापारियों का कहना है कि रीवा की जनता भाजपा के पक्ष में रही। एक सिरे से भाजपा प्रत्याशियों को सिरमाथे पर बिठाया और पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला तथा रीवा के भाजपा प्रत्याशियों को अपना मत देकर भारी मतों से विजयी बनाया। लेकिन सत्ता हासिल करने के बाद भाजपा के लोगों ने उनकी उम्मीदों परकुठाराघात किया है। सरकार को इस पर पुनर्विचार करना ही होगा। व्यापारी संघ ने कहा कि वे संगठन का समर्थन नहीं करेंगे।
ये भी पढ़ें- Cabinet Expansion: MP भाजपा का कांग्रेसीकरण, शिवराज पर भारी सिंधिया भाजपा के पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि रीवा के जनादेश की उपेक्षा की गई है। यहां की जनता अपने आप को अपमानित महसूस कर रही है। उन्होंने पृथक विंध्य क्षेत्र के गठन की मांग भी उठा दी। कहा कि विंध्य की राजधानी रीवा रही है और विंध्य के विकास के लिए विंध्य प्रदेश के गठन की नितांत आवश्यकता है।