1982 में कांग्रेस से जुड़े
रीवा राजघराने के वारिश पुष्पराज सिंह का जन्म 3 जुलाई 1960 में हुआ था। उनका राजनीतिक कैरियर यूथ कांग्रेस से सन् 1982 से शुरू हुआ। पुष्पराज सिंह 1989 से 2003 तक विधायक एवं 1995 से 1997 तक प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। उन्होंने 2004 में बीजेपी ज्वाइन किया लेकिन 2009 में बीजेपी से अलग हो गए और सपा से लोकसभा का चुनाव लड़ा। उनको 1 लाख 20 हजार मत मिले थे। लेकिन इसके बाद पिछले 8 साल से वे किसी भी पार्टी में नहीं थे।
रीवा राजघराने के वारिश पुष्पराज सिंह का जन्म 3 जुलाई 1960 में हुआ था। उनका राजनीतिक कैरियर यूथ कांग्रेस से सन् 1982 से शुरू हुआ। पुष्पराज सिंह 1989 से 2003 तक विधायक एवं 1995 से 1997 तक प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। उन्होंने 2004 में बीजेपी ज्वाइन किया लेकिन 2009 में बीजेपी से अलग हो गए और सपा से लोकसभा का चुनाव लड़ा। उनको 1 लाख 20 हजार मत मिले थे। लेकिन इसके बाद पिछले 8 साल से वे किसी भी पार्टी में नहीं थे।
पर्यावरण से विशेष लगाव
पुष्पराज सिंह विधान सभा में पर्यावरण के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और 1994-95 में राज्य वाइल्ड लाइफ बोर्ड में उनको रखा गया। जब वे प्रदेश सरकार में शहरी विकास मंत्री बने। उसी समय उनको टाइगर स्टेट कमेटी का संयोजक भी बनाया गया था। 1997 में ही उन्होंने दुनियां के अन्य गैर सरकारी संगठनों के साथ काम करने के लिए बांधवगढ़ फाउंडेशन का गठन किया।
पुष्पराज सिंह विधान सभा में पर्यावरण के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और 1994-95 में राज्य वाइल्ड लाइफ बोर्ड में उनको रखा गया। जब वे प्रदेश सरकार में शहरी विकास मंत्री बने। उसी समय उनको टाइगर स्टेट कमेटी का संयोजक भी बनाया गया था। 1997 में ही उन्होंने दुनियां के अन्य गैर सरकारी संगठनों के साथ काम करने के लिए बांधवगढ़ फाउंडेशन का गठन किया।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बबिता साकेत ने भी बसपा छोड़कर कांगेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ व चुनाव प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। बबिता साकेत ने कहा कि उन्होने अपने मन से यह फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि बसपा में कोई स्वतंत्र रूप से अपनी बात नहीं रख सकता। बसपा अब विचारधारा वाली पार्टी नहीं रह गई है। मुझे भरोसा है कि कांग्रेस में अपनी बात रख सकते हैं। मैने बिना शर्त कांग्रेस ज्वाइन किया है। मैं गौतम बुद्ध के रास्ते पर हमेशा चलती रहूंगी, विचारधारा कभी नहीं बदलती।
वैश्य समाज के मनीष गुप्ता भी कांग्रेस में
वैश्य समाज के युवा नेता मनीष गुप्ता ने भी कांग्रेस के बड़े नेताओं की मौजूदगी में शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। मनीष के पिता पुराने कांग्रेसी थे। उन्होंने राजनीतिक सफर शुरू करते हुए कभी कांग्रेस तो कभी बसपा की तरफ जाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन कांग्रेस नेता अजय सिंह की प्रेरणा पर कमलनाथ एवं ज्योतिरादित्य की उपस्थित में अंतत: कांग्रेस की सदस्यता ली। मनीष के कांगे्रस में जाने से माना जा रहा है कि वैश्य समुदाय के बीच कांग्रेस मजबूत होगी।
वैश्य समाज के युवा नेता मनीष गुप्ता ने भी कांग्रेस के बड़े नेताओं की मौजूदगी में शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। मनीष के पिता पुराने कांग्रेसी थे। उन्होंने राजनीतिक सफर शुरू करते हुए कभी कांग्रेस तो कभी बसपा की तरफ जाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन कांग्रेस नेता अजय सिंह की प्रेरणा पर कमलनाथ एवं ज्योतिरादित्य की उपस्थित में अंतत: कांग्रेस की सदस्यता ली। मनीष के कांगे्रस में जाने से माना जा रहा है कि वैश्य समुदाय के बीच कांग्रेस मजबूत होगी।