विवि, करहिया, इटौरा सहित मैदानी में बंद रहेगी बिजली
बताया जा रहा कि कोविद 19 के चलते पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अप्रेल माह में लाइन का मेंटीनेंस नहीं कर पाई है। ऐसे में अब मई में 33 केव्ही और 11 केव्ही लाइन का मेंटीनेंस होना है। इस दौरान लाइन के कंडक्टर और इंसूलेटर बदले जाने हंै। इसके लिए १९ मई तक शहरों के अलग-अलग फीडरों की कटौती की जाएगी। इसमें १२ मई को वाटर वक्र्स फीडर, १३ मई को इंजीनियरिंग कॉलेज फीडर की कटौती की जाएगी। इस दौरान चिरहुला, महाजन टोला, समान में बिजली की कटौती होगी।
बताया जा रहा कि कोविद 19 के चलते पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अप्रेल माह में लाइन का मेंटीनेंस नहीं कर पाई है। ऐसे में अब मई में 33 केव्ही और 11 केव्ही लाइन का मेंटीनेंस होना है। इस दौरान लाइन के कंडक्टर और इंसूलेटर बदले जाने हंै। इसके लिए १९ मई तक शहरों के अलग-अलग फीडरों की कटौती की जाएगी। इसमें १२ मई को वाटर वक्र्स फीडर, १३ मई को इंजीनियरिंग कॉलेज फीडर की कटौती की जाएगी। इस दौरान चिरहुला, महाजन टोला, समान में बिजली की कटौती होगी।
100 से अधिक कनेक्शन काटे
शहर में विद्युत कंपनी बिजली बिल जमा नहीं होने पर कनेक्शन काट रही है। शुक्रवार से अब तक १०० से अधिक बिजली कनेक्शन काटे जा चुके हैं। इन उपभोक्ताओं पर ५ लाख से अधिक का बिल बकाया है। बताया जा रहा कि विद्युत कंपनी इसके लिए विशेष अभियान चला रही है, लेकिन लॉकडाउन के कारण लोगों की आय नहीं होने से बिजली बिल नहीं दे पा रहे हैंं। इसके पहले मई तक विद्युत कंपनी ने वसूली अभियान लोगों को राहत दी थी, लेकिन आर्थिक स्थित खराब होने पर विशेष अभियान चला रही है।
शहर में विद्युत कंपनी बिजली बिल जमा नहीं होने पर कनेक्शन काट रही है। शुक्रवार से अब तक १०० से अधिक बिजली कनेक्शन काटे जा चुके हैं। इन उपभोक्ताओं पर ५ लाख से अधिक का बिल बकाया है। बताया जा रहा कि विद्युत कंपनी इसके लिए विशेष अभियान चला रही है, लेकिन लॉकडाउन के कारण लोगों की आय नहीं होने से बिजली बिल नहीं दे पा रहे हैंं। इसके पहले मई तक विद्युत कंपनी ने वसूली अभियान लोगों को राहत दी थी, लेकिन आर्थिक स्थित खराब होने पर विशेष अभियान चला रही है।
ग्रामीण परेशान
बिजली कंपनी की बढ़ती मांग को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में मेटीनेंस के नाम पर अघोषित कटौती की जा रही है।इससे ग्रामीणों को २४ घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है। बताया जा रहा है कि विद्युत कंपनी अब फीडरों में राजस्व को देखते हुए विद्युत आपूर्ति की सप्लाई कर रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक लॉस वाले क्षेत्रों में अघोषित विद्युत कटौती की जा रही है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
बिजली कंपनी की बढ़ती मांग को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में मेटीनेंस के नाम पर अघोषित कटौती की जा रही है।इससे ग्रामीणों को २४ घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है। बताया जा रहा है कि विद्युत कंपनी अब फीडरों में राजस्व को देखते हुए विद्युत आपूर्ति की सप्लाई कर रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक लॉस वाले क्षेत्रों में अघोषित विद्युत कटौती की जा रही है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।