खबर के मुताबिक महिला कैदी ने आरोप लगाया है कि बीते 9 से 20 मई 2020 तक उसे मनगवां थाने के लॉकअप में रखा गया था। जहां पर तत्कालीन एसडीओपी, थाना प्रभारी, दादा नाम का पुलिसकर्मी और दो अन्य ने थाने में ही गैंगरेप किया। उस दौरान मनिकवार चौकी की महिला एसआई को भी इस घटना की जानकारी थी, क्योंकि उसे पकड़कर थाने तक वही लाई थी और पूछताछ भी कर रही थी।
दो दिन पूर्व ही जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र पाण्डेय ने इस मामले का खुलासा मीडिया के सामने करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच भी जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बैठा दी है। वहीं पुलिस की ओर से आधिकारिक रूप से इस मामले में कुछ नहीं बोला जा रहा है। पुलिस की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि उक्त युवती इसके पहले भी कई लोगों पर आरोप लगा चुकी है।
जिस तारीख के दौरान उसके साथ गैंगरेप का आरोप लगाया जा रहा है, वह घटना और गिरफ्तारी के पहले की बात कर रही है। पुलिस का कहना है कि जिस हत्या की घटना में युवती आरोपी है, वह घटना १६ मई को प्रकाश में आई थी, इसलिए उसके तर्क बेबुनियाद हैं। वहीं एसपी राकेश सिंह का कहना है कि इस संबंध में अभी जिला न्यायालय की ओर से कोई पत्र उन्हें नहीं मिला है।
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आइजी के पास शिकायत लेकर पहुंचे लोग
गैंगरेप का आरोप लगाने वाली युवती जिस महिला की हत्या के आरोप में बंद है, उसके परिजन आइजी और एसपी कार्यालय शिकायत लेकर पहुंचे थे। उनका कहना है कि वह जेल से बाहर आने के लिए षणयंत्र रच रही है। वहीं जेल से ही वह संदेश भिजवा रही है कि बाहर आएगी तो पीडि़त परिवार को नहीं छोड़ेगी। लोगों ने यह भी मांग उठाई कि जब पुलिस ही उसके चलते सुरक्षित नहीं है तो आम लोगों का क्या हाल होगा। आरोप लगाने वाली युवती पर सख्त कार्रवाई की मांग उठाई गई है।