TalentTalk ; आत्मशांति के लिए सीखा था योगासन, अब राष्ट्रीय स्तर पर निर्णायक बने
- रीवा के 24 वर्षीय गीता प्रसाद पाण्डेय ने वस्त्र धोती, दंड धोती, नौली, जलनेति सहित कई आसन कर हासिल किया मुकाम

रीवा। योग के क्षेत्र में कैरियर बनाने का निर्णय लेना कठिन चुनौती का काम है। लोग आत्मा और शरीर की स्वस्थता के लिए योग के आसन करते हैं। इसी कड़ी में रीवा के युवा गीता प्रसाद पाण्डेय ने भी अपना भाग्य आजमाया और किस्मत ने साथ देकर राष्ट्रीय स्तर पर योग स्पर्धाओं में निर्णायक की भूमिका तक पहुंचा दिया।
महज 24 वर्ष के गीता प्रसाद उर्फ लकी पाण्डेय ने योग के कई ऐसे कठिन आसन कर सबका ध्यान खींचा है, जो सामान्य तौर पर आम लोगों के लिए काफी कठिन होता है। रीवा जिले के कठार(रुपौली) गांव के मूलरूप से रहने वाले गीता प्रसाद टीवी पर देखकर योग सीखने की शुरुआत करीब दस वर्ष पहले कर दी थी। योग की कई स्पर्धाओं में शामिल होकर गोल्ड सहित अन्य मेडल हासिल कर चुके हैं।
हाल ही में नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन आफ इंडिया की ओर से देशभर में जज एण्ड रेफरी के पद पर चयन किया गया है। जिसमें मध्यप्रदेश से गीता प्रसाद का भी चयन हुआ है। योगा को अब खेल में शामिल किया गया है, इसलिए इसकी स्पर्धाएं बड़े पैमाने पर होंगी जिसके लिए निर्णायकों की आवश्यकता होगी।
गीता प्रसाद राज्य स्तर पर योगा के निर्णायक की भूमिका में रहेंगे, जरूरत पडऩे पर राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में भी बुलाया जाएगा। गीता प्रसाद उर्फ लकी बताते हैं कि योगा को पहले केवल अपने मन और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सीखना शुरू किया था। बाद में कठिन आसनों के लिए भी प्रयास किया। बीते कुछ समय से कई संस्थाओं ने भी योगा सिखाने के लिए बुलाया था। योग गुरु बाबा रामदेव ने भी आसनों को देखकर उत्साह बढ़ाया था और कहा था कि पूरा ध्यान इसी पर केन्द्रित रखो सफलता मिलेगी।
आने वाले दिनों में भारत सरकार द्वारा खेलो इंडिया अभियान के तहत स्पर्धाओं को आयोजन होगा। जिसमें पूरे देश में योगा की स्पर्धाएं जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक होंगी। आने वाले दिनों में योगा ओलंपिक का भी हिस्सा बनेगा। इसलिए तैयारियां शुरू की जा रही हैं।

- 22 फीट का वस्त्र पेट में डालना कठिन
अब तक जितने आसन गीता प्रसाद ने सीखे हैं उसमें सबसे कठिन वस्त्र धोती आसन को मानते हैं। इसमें 22 फीट का वस्त्र पेट के भीतर डालकर उसकी सफाई कठिन कार्य होता है। इसके पहले दंड धोती, नौली, जलनेति, सूत्रनेति आदि के आसन का अभ्यास लगातार लंबे समय तक करना पड़ा था।
- निर्णायक की भूमिका के लिए भी ध्यान जरूरी
गीता प्रसाद बताते हैं कि योगासन में निर्णायक की भूमिका के लिए भी ध्यान की एकाग्रता जरूरी होती है। इसमें कई आसन ऐसे हैं जिसमें शरीर के कंपन के आधार पर तय करना होता है कि आसन किसका सबसे बेहतर है। ऐसे में स्वयं को पूरी तरह से एकाग्र रखने की जरूरत होती है।
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