एमपी के इस कॉलेज में प्रवेश के बाद गलियों में भटकने को छोड़ दी जाती है छात्राएं, अब फूटा आक्रोश, जानिए क्या है मामला
कॉलेज प्राचार्य के लिए सिरदर्द बना मामला...

रीवा। करोड़ों रुपए की लागत से टीआरएस कॉलेज परिसर में छात्रावास का निर्माण इस उद्देश्य से कराया कि प्रवेश लेने के बाद ग्रामीण अंचल की छात्राओं को आवास के लिए शहर में गली-गली भटकना पड़े। लेकिन कॉलेज के कर्मचारियों की ही मनमानी और कॉलेज प्रशासन की लापरवाही ने सारी कवायद पर पानी फेर दिया है। महिला छात्रावास में एक-एक कर कर्मचारियों ने कब्जा जमा लिया। पूरा छात्रावास ही सिर्फ कर्मचारी आवास बनकर रह गया है और छात्राएं भटकने को मजबूर हैं।
ताकि नए सत्र में मिल जाए छात्रावास
छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन से कर्मचारियों की मनमानी की कई बार शिकायतें की लेकिन कोई सुनवाई न होने पर अब प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार कर लिया है। छात्र-छात्राओं ने शनिवार को प्रदर्शन कर प्राचार्य को ज्ञापन सौंप कर छात्रावास खाली कराने की मांग की है। आवास के लिए परेशान हो रही छात्राओं की कोशिश है कि नए शैक्षणिक सत्र से उन्हें आवास की सुविधा मुहैया करा दी जाए।
35 सीटर है दो मंजिला छात्रावास
छात्राओं के लिए 2007 में तैयार दोमंजिला छात्रावास में 35 छात्राओं के रहने की सुविधा है। निर्माण के बाद से एक बार भी छात्राओं को हॉस्टल अलॉट नहीं किया गया है। बनने के बाद ही कॉलेज के कर्मचारियों ने अपना डेरा जमा लिया। छात्रावास के दोनों मंजिल में कर्मचारी रह रहे हैं।
प्राचार्य दे रहे व्यवस्था करने का हवाला
कॉलेज के नए प्राचार्य डॉ. सत्येंद्र शर्मा का कहना है कि उनकी कोशिश होगी कि नए सत्र में छात्राओं के लिए हॉस्टल अलॉट किया जाए। पूर्व में छात्राओं के प्रवेश नहीं दिए जाने के पीछे प्राचार्य छात्रावास में अव्यवस्थाओं का हवाला दे रहे हैं। उनका कहना है कि व्यवस्था के बावत शासन से बजट लेने के लिए जल्द ही पत्राचार किया जाएगा।
जिम्मेदार दे रहे ये दलील
-छात्रावास में वार्डन के लिए आवास की सुविधा नहीं की जा सकी है।
-छात्राओं की सुरक्षा के मद्देनजर छात्रावास में बाउंड्रीवाल भी नहीं है।
-पूर्व में शासन से कॉलेज को केवल छात्रावास के लिए बजट मिल था।
- वार्डन आवास व बाउंड्रीवाल के लिए कॉलेज के पास बजट उपलब्ध नहीं।
-छात्रावास में मेस की व्यवस्था के लिए किसी मद में अलग से बजट नहीं है।
फैक्ट फाइल:-
2007 में तैयार हुआ है छात्रावास
35 छात्राओं के लिए निर्धारित है सीट
2 करोड़ की लागत से तैयार हुआ हॉस्टल
2 मंजिला छात्रावास में रह रहे कर्मचारी
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