50 करोड़ से 250 करोड़ निवेश की बढ़ाई सीमा
जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक यूबी तिवारी ने बताया कि लघु उद्यम की श्रेणी में संयंत्र और उपस्कर में 10 करोड़ तक निवेश तथा वार्षिक करोबार 50 करोड़ का निवेश किया जा सकेगा। मध्यम उद्यम के लिए संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में निवेश की अधिकतम सीमा 50 करोड़ तथा व्यापार की सीमा 250 करोड़ की गई है। उन्होंने बताया कि उक्त संशोधन के उपरांत एमएसएमई प्रोत्साहन योजना के तहत लाभांवित होने वाली विनिर्माण इकाईयों के दायरे में व्यापक विस्तार हुआ है।
जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक यूबी तिवारी ने बताया कि लघु उद्यम की श्रेणी में संयंत्र और उपस्कर में 10 करोड़ तक निवेश तथा वार्षिक करोबार 50 करोड़ का निवेश किया जा सकेगा। मध्यम उद्यम के लिए संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में निवेश की अधिकतम सीमा 50 करोड़ तथा व्यापार की सीमा 250 करोड़ की गई है। उन्होंने बताया कि उक्त संशोधन के उपरांत एमएसएमई प्रोत्साहन योजना के तहत लाभांवित होने वाली विनिर्माण इकाईयों के दायरे में व्यापक विस्तार हुआ है।
मशीनरी व भवन में मिलेगी छूट
प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017 की नीति में संशोधन कर संयंत्र और मशीनरी में निवेश के साथ ही भवन में किए गए निवेश को भी 40 प्रतिशत अनुदान की पात्रता में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति तथा महिला द्वारा स्थापित इकाइयों को 50 प्रतिशत तथा 48 प्रतिशत अनुदान देय होगा। इसके साथ ही इसके भुगतान के लिए किस्तों की संख्या 5 से घटाकर 4 किस्त किया गया है। उन्होंने जिले के निवेशकों, पूंजीपत्तियों से अपेक्षा की है कि नवीन संशोधन के अनुसार उद्यम स्थापित कर अनुदान का लाभ उठाएं।
प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017 की नीति में संशोधन कर संयंत्र और मशीनरी में निवेश के साथ ही भवन में किए गए निवेश को भी 40 प्रतिशत अनुदान की पात्रता में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति तथा महिला द्वारा स्थापित इकाइयों को 50 प्रतिशत तथा 48 प्रतिशत अनुदान देय होगा। इसके साथ ही इसके भुगतान के लिए किस्तों की संख्या 5 से घटाकर 4 किस्त किया गया है। उन्होंने जिले के निवेशकों, पूंजीपत्तियों से अपेक्षा की है कि नवीन संशोधन के अनुसार उद्यम स्थापित कर अनुदान का लाभ उठाएं।