प्रधानाध्यापक से जब बिजली एवं पंखे के बारे में पूछा गया तो वे गुस्से में कहती हैं हमने खुद रुपए खर्च कर कनेक्शन करवाया। हमारे पास बिजली बिल का बजट नहीं है। बिजली विभाग ने कनेक्शन काट दिया।
कहती हैं यहां कोई देखने वाला नहीं है। चुनाव में इधर – उधर की बातें हो रही है स्कूलों का न तो कोई सुनने वाला है न देखने वाला। सरकारी स्कूलों की हालत इसी तरह है।
दरअसल शिक्षा विभाग ने अप्रेल महीने के लिए स्कूलों में ज्वायफुल लर्निंग का कार्यक्रम शुरू किया है। 30 अप्रेल तक स्कूलों का संचालन होगा। इसमें बच्चों को खेल – खेल में शिक्षा देने के निर्देश हैं।
जिले की प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में विद्युत कनेक्शन नहीं है। ऐसे में अप्रेल की गर्मी में यहां गुजार पाना बच्चों के साथ ही शिक्षकों को मुश्किल हो रहा है। कुछ शिक्षक, शिक्षिकाएं स्कूल नहीं जा रहे हैं जो जा रहे हैं उन्हें गर्मी में दिन गुजारना पड़ रहा है।
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जन शिक्षा केन्द्र प्रभारी ने शासकीय बालक प्राथमिक, माध्यमिक शाला निपनिया में पदस्थ शिक्षक वेदमणि शुक्ल एवं कामता प्रसाद शुक्ला को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है निरीक्षण के दौरान तीन अप्रेल को स्कूल बंद पाई गई। अति महत्वपूर्ण ज्वायफुल लर्निंग का कार्यक्रम नहीं हुआ। उनसे दो दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। साथ ही उन्हें कहा गया है कि स्कूल का खाता बंद कर उसमें मौजूद राशि को प्राचार्य के खाते में अंतरित करने के निर्देश थे, जिसका पालन नहीं किया गया।