scriptMP: केन्द्रों पर किसानों से 8 लाख रुपए अतिरिक्त वसूली, सरकार के साफ्टवेयर में अटका 12 करोड़ का समर्थन मूल्य | Government support software sticks 12 kiroda support price | Patrika News

MP: केन्द्रों पर किसानों से 8 लाख रुपए अतिरिक्त वसूली, सरकार के साफ्टवेयर में अटका 12 करोड़ का समर्थन मूल्य

locationरीवाPublished: Dec 23, 2018 12:34:29 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

जिले के खरीदी केन्द्रों पर नियम-कायदे की अनदेखी कर किसानों से लिया जा रहा प्रति क्विंटल 12 रुपए से अधिक अतरिक्त चार्ज
 

Government support software sticks 12 kiroda support price

Government support software sticks 12 kiroda support price

रीवा. जिले में धान खरीदी केन्द्रों पर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। केन्द्रों पर किसानों से अब तक तौल के नाम पर आठ लाख रुपए से अधिक अतिरिक्त चार्ज वसूल कर लिया गया है। इतना ही नहीं किसानों की 1200 लाख से अधिक की गाढ़ी कमाई सरकार के साफ्टवेयर में फंसी है। इधर, समर्थन मूल्य के भुगतान की प्रक्रिया को लेकर जिले के नागरिक आपूर्ति निगम (नान) प्रबंधक को भोपाल तलब किया गया है। उधर, जिला आपूर्ति नियंत्रक के चेतावनी के बाद भी खरीदी केन्द्रों पर किसानों तौल के नाम पर किसानों से अतरिक्त चार्ज लिया जा रहा है। जिसको लेकर किसानों में असंतोष है।
केन्द्र पर तौल के नाम पर 12 रुपए प्रति क्विंटल चार्ज लिया
जिले में करीब दो हजार किसानों से 67 हजार क्विंटल से अधिक धान की तौल हो चुकी है। करहिया मंडी परिसर में स्थित चोरहटा केन्द्र पर धान की तौल करने वाले किसान पुष्पेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को शिकायत किया है कि केन्द्र पर तौल के नाम पर 12 रुपए प्रति क्विंटल चार्ज लिया जा रहा है। कई किसानों ने बताया कि केन्द्रों पर ट्रैक्टर-ट्राली से धान की उतरवाई किसान स्वयं दे रहा है। इसके बावजूद अतिरिक्त चार्ज लिया जा रहा है। बहुरीबंाधी केन्द्र पर तौल कराने पहुंचे कई अन्य किसानों ने बताया कि पड़ोसी जिले सतना में किसानों से तौल के नाम पर एक रुपए नहीं लिया जा रहा है। लेकिन, रीवा में किसानों से तौलाई के नाम पर पैसे वसूल किए जा रहे हैं।
खरीदी केन्द्रों पर 2.50 रुपए प्रति बोरी की दर से तौल के नाम पर पैसे

मनगवां केन्द्र पर कई किसानों ने एसडीएम कार्यालय में शिकायत की है कि कृषि मंडी परिसर में स्थित दो खरीदी केन्द्रों पर 2.50 रुपए प्रति बोरी की दर से तौल के नाम पर पैसे लिए जा रहे हैं। इसके अलावा प्रति बोरी में 40 किलो के बजाए 41 किलो धान का वजन किया जा रहा है। केन्द्र प्रबंधकों की मनमानी से किसानों में असंतोष है। जिले में अब तक 67 हजार क्विंटल से अधिक की तौल हो चुकी है। अगर प्रति क्विंटल 12 रुपए तौल के नाम पर अतरक्ति चार्ज लिया जा रहा है कि अब तक आठ लाख रुपए से अधिक अतरिक्त चार्ज लिया जा चुका है।
डेढ़ माह बाद भी ठीक नहीं हो सका साफ्टवेयर
जिले में तौल चालू होने के करीब डेढ़ माह बीतने को हैं। बावजूद इसके शासन स्तर पर किसानों के खाते में ऑनलाइन भुगतान का साफ्टवेयर ठीक नहीं हो सका। विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि इस बार शासन किसानों के भुगतान के लिए जीआइटीपी (जस्ट इन ट्रांसफर पेमेंट) नाम का साफ्टवेयर तैयार किया है। जिससे केन्द्र पर तौल की प्रक्रिया पूरी होते ही किसान के खाते में समर्थन मूल्य पहुंच जाएगा। 15 नवंबर से तौल चालू हो गई है, लेकिन अभी तक साफ्टवेयर ठीक नहीं होने के कारण किसानों का 12 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान लटका हुआ है। शासन ने जिला प्रबंधक को भोपाल बुलाया है। भोपाल से लौटने के बाद केन्द्रों के कंप्यूटर आपरेटरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
केस-01
चोरहटा केन्द्र पर धान की तौल करने के बाद 12 रुपए प्रति क्विंटल की दर से चार्ज लिया गया। जबकि पड़ोसी जिले सतना में खरीदी केन्द्रों पर एक रुपए नहीं लिया जा रहा है।
धिरेन्द्र सिंह, किसान
केस-02
खैरा समिति पर ट्रैक्टर-ट्राली से स्वयं धान अनलोड किया और बोरियों को तौल कांटा तक ले गए। इसके बावजूद तौल के नाम पर पैसा लिया जा रहा है।
रामदरश कुशवाहा, किसान
वर्जन…
केन्द्रों पर किसानों से किसी भी तरह का अतिरिक्त चार्ज लिए जाने का कोई भी प्रावधान नहीं है, अगर ऐसा है तो किसान तत्काल सूचना दें, जांच कर कार्रवाई की जाएगी। हां, ये जरूर है कि यदि कोई भी किसान ट्रैक्टर-ट्राली से धान अनलोड कराने के साथ ही उसकी सफाई करा रहा है तो उसका चार्ज किसान स्वयं देंगे।
राजेन्द्र सिंह ठाकुर, जिला आपूर्ति नियंत्रक
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो