जिले में करीब दो हजार किसानों से 67 हजार क्विंटल से अधिक धान की तौल हो चुकी है। करहिया मंडी परिसर में स्थित चोरहटा केन्द्र पर धान की तौल करने वाले किसान पुष्पेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को शिकायत किया है कि केन्द्र पर तौल के नाम पर 12 रुपए प्रति क्विंटल चार्ज लिया जा रहा है। कई किसानों ने बताया कि केन्द्रों पर ट्रैक्टर-ट्राली से धान की उतरवाई किसान स्वयं दे रहा है। इसके बावजूद अतिरिक्त चार्ज लिया जा रहा है। बहुरीबंाधी केन्द्र पर तौल कराने पहुंचे कई अन्य किसानों ने बताया कि पड़ोसी जिले सतना में किसानों से तौल के नाम पर एक रुपए नहीं लिया जा रहा है। लेकिन, रीवा में किसानों से तौलाई के नाम पर पैसे वसूल किए जा रहे हैं।
जिले में तौल चालू होने के करीब डेढ़ माह बीतने को हैं। बावजूद इसके शासन स्तर पर किसानों के खाते में ऑनलाइन भुगतान का साफ्टवेयर ठीक नहीं हो सका। विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि इस बार शासन किसानों के भुगतान के लिए जीआइटीपी (जस्ट इन ट्रांसफर पेमेंट) नाम का साफ्टवेयर तैयार किया है। जिससे केन्द्र पर तौल की प्रक्रिया पूरी होते ही किसान के खाते में समर्थन मूल्य पहुंच जाएगा। 15 नवंबर से तौल चालू हो गई है, लेकिन अभी तक साफ्टवेयर ठीक नहीं होने के कारण किसानों का 12 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान लटका हुआ है। शासन ने जिला प्रबंधक को भोपाल बुलाया है। भोपाल से लौटने के बाद केन्द्रों के कंप्यूटर आपरेटरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
चोरहटा केन्द्र पर धान की तौल करने के बाद 12 रुपए प्रति क्विंटल की दर से चार्ज लिया गया। जबकि पड़ोसी जिले सतना में खरीदी केन्द्रों पर एक रुपए नहीं लिया जा रहा है।
धिरेन्द्र सिंह, किसान
केस-02
खैरा समिति पर ट्रैक्टर-ट्राली से स्वयं धान अनलोड किया और बोरियों को तौल कांटा तक ले गए। इसके बावजूद तौल के नाम पर पैसा लिया जा रहा है।
रामदरश कुशवाहा, किसान
वर्जन…
केन्द्रों पर किसानों से किसी भी तरह का अतिरिक्त चार्ज लिए जाने का कोई भी प्रावधान नहीं है, अगर ऐसा है तो किसान तत्काल सूचना दें, जांच कर कार्रवाई की जाएगी। हां, ये जरूर है कि यदि कोई भी किसान ट्रैक्टर-ट्राली से धान अनलोड कराने के साथ ही उसकी सफाई करा रहा है तो उसका चार्ज किसान स्वयं देंगे।
राजेन्द्र सिंह ठाकुर, जिला आपूर्ति नियंत्रक