केन्द्र से लेकर गोदाम तक अव्यवस्था से जारी नहीं हो सका स्वीकृत पत्रक, लटका किसानों का भुगतान
रीवा. केन्द्र से गोदाम तक अव्यवस्था के चलते पंद्रह हजार से अधिक किसानों के खाते में समर्थन मूल्य नहीं पहुंचा। गोदाम में जगह नहीं होने के कारण कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। स्वीकृतपत्रक जारी नहीं होने से 156 करोड़ से अधिक का समर्थन मूल्य किसानों के खाते में नहीं पहुंचा। गाढ़ी कमाई का समय से भुगतान नहीं होने से अन्नदाता केन्द्र से लेकर सहकारी बैंकों का चक्कर काट रहे हैं। 31 हजार से अधिक किसानों के खाते में भेजा राशि जिले में 122 केन्द्रों पर 47 हजार से अधिक किसानों ने 22 लाख क्विंटल से ज्यादा गेहूं की तौल की है। जिसकी कीमत 438 करोड़ रुपए होती है। विभाग का दावा है कि 282 करोड़ रुपए 31077 हजार किसानों के खाते में भेजा चुका है। जबकि अभी करीब पंद्रह हजार किसानों का 156 करोड़ रुपए का समर्थन मूल्य बाकी है। किसान समर्थन मूल्य के लिए केन्द्र से लेकर सहकारी बैंक का चक्कर लगा रहे हैं। करहिया मंडी, कुठिला सहित दर्जनों की संख्या में ज्यादातर किसानों का भुगतान लंबित हैं। लाखो का ट्रांजेक्शन फेल ऑनलाइन भुगतान में 167 की संख्या में बिल का ट्रांजेक्शन असफल हो गया है। करीब 77 लाख रुपए खाते में नहीं पहुंचा है। किसानों के खातों की त्रुटियों को ठीक करने के बाद 43 लाख रुपए से अधिक दोबारा ट्रांजेक्शन किया गया है। ई-भुगतान के लिए करीब 3 करोड़ रुपए के डिजिटिल हस्ताक्षर के लिए लंबित है। अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही किसानों के खाते में समर्थन मूल्य पहुंचेगा। बीणा सहकारी बैंक में लगा रहे चक्कर -जिले के भिलोडी गांव निवासी बसंतबहादुर गेहूं की तौल की है। भुगतान के लिए पिछले दस दिन से बीणा सहाकारी बैंक का चक्कर लगा रहे हैं। इसी तरह रितेश चतुर्वेदी 50 क्विंटल गेहूं समर्थन मूल्य पर तौल किया है। भुगतान नहीं होने से केन्द्र से लेकर सहकारी बैंक का चक्कर लगा रहे हैं। केन्द्रों पर लंबी कतार, जद्दो जहद बारिश के अलर्ट के चलते बीते तीन दिन तक केन्द्रों पर तौल बंद रही। तौल चालू होने के बाद केन्द्र पर किसानों की लंबी कतार है। तौल के लिए किसान जद्दो जहद कर रहे हैं।