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सरकार ने किसानों को दिया झटका, मुआवजे में होगी कटौती, जानिए क्या है आदेश में

locationरीवाPublished: Mar 06, 2018 12:27:15 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

राज्य सरकार ने कलेक्टर के पास भेजा नया निर्देश, कहा, भूमि की रजिस्ट्री में अन्य परिसम्पत्तियां होती हैं समाहित

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Government will give a shock to farmers, compensation will be deducted

रीवा। कृषि भूमि के अधिग्रहण पर दिए जा रहे मुआवजे को लेकर राज्य सरकार ने सवाल उठाया है और गैर प्रासंगिक बताते हुए नई व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया है। किसानों को अब पहले की तरह भूमि का मुआवजा नहीं मिल पाएगा। राज्य सरकार द्वारा जारी की गई नई व्यवस्था में अब केवल भूमि का मुआवजा दिया जाएगा। उसमें मौजूद पेड़, कुंए, ट्यूबवेल आदि का अतिरिक्त मूल्यांकन नहीं कराया जाएगा।
जलसंसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया ने सभी कलेक्टरों को 26 फरवरी को पत्र लिखकर कहा है कि भूमि की परिसंपत्तियों का दोहरा भुगतान किया जाना उचित नहीं है। कृषि भूमि का एक ही मुआवजा भुगतान करने के लिए कहा है। इस आदेश के बाद किसानों को बड़ा नुकसान होने का अनुमान है। गांवों में वर्षों पुराने ऐसे पेड़ हैं जो किसानों की आय का प्रमुख साधन भी रहे हैं। कुएं और ट्यूबवेल के खनन में भी राशि खर्च होती है लेकिन भूमि अधिग्रहण के दौरान इन सबका अलग से कोई भुगतान नहीं किया जाना, बड़ा झटका माना जा रहा है।
भूमि के मूल्य में समाहित होती है सबकी कीमत
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि कलेक्टर गाइडलाइन पर भूमि की कीमत निर्धारित होती है। जिसमें उस पर मौजूद परिसंपत्तियों का मूल्य समाहित होता है। उनका अलग से कोई मूल्यांकन नहीं किया जाता है। इस वजह से मुआवजा वितरण के समय केवल मकान का अलग से मूल्यांकन किया जाए, अन्य किसी भी सामग्री का अलग भुगतान नहीं किया जाएगा।
जब रजिस्ट्री नहीं तो मुआवजे का सवाल कहां
भूमि की रजिस्ट्री के दौरान उस पर मौजूद परिसंपत्तियों की रजिस्ट्री अलग से नहीं होती है। इस कारण मुआवजा वितरण के समय अतिरिक्त भुगतान करना उचित नहीं है। कृषि भूमि में सिंचाई के साधन होने की वजह से ही भूमि का मूल्य असिंचित से अधिक रखा जाता है। ऐसे में एक ही भूमि पर दोहरा भुगतान मापदंडों के अनुरूप नहीं है।
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पंजीयन विभाग की अनुशंसाओं का हवाला
कलेक्टर के पास आए पत्र में उल्लेख है कि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के महानिरीक्षक द्वारा समय-समय पर सिंचित भूमि की कलेक्टर गाइडलाइन दर में ट्यूबवेल, कुंआ और वृक्षों आदि का अलग से मूल्यांकन नहीं करने की अनुशंसा की जाती रही है। इस कारण अब तत्काल प्रभाव से भूमि के अतिरिक्त मुआवजे का भुगतान बंद करना होगा।
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