दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम 2016 के विभिन्न प्रावधानों के अनुसार दिव्यांगजनों को शिक्षा, स्वरोजगार तथा सुगम्य पहुंच का अधिकार दिया गया है। अधिनियम की धारा 40 दिव्यांगजनों को समग्र रूप से सुगम्यता पहुंच का अधिकार देती है। अधिनियम को संभाग में प्रभावी रूप से लागू करने के लिए कार्य चल रहा है। जनपद पंचायतों के माध्यम से सभी ग्राम पंचायतों में 12490 भवनों में रैम्प का निर्माण पूरा हो चुका है। यह कुल भवनों की संख्या का 91.65 प्रतिशत है। शेष भवनों में तेजी से रैम्प का निर्माण किया जा रहा है। आगामी एक सप्ताह में शत प्रतिशत भवनों में रैम्प का निर्माण पूरा हो जाएगा।
रीवा संभाग में अब तक शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर 15937 भवनों में दिव्यांगों के लिए रैम्प का निर्माण किया जा चुका है। नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायतों में रैंप एवं सुगम्य शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें स्कूल भवन, आंगनवाड़ी केन्द्र, बस स्टैण्ड, सामुदायिक भवन, उचित मूल्य दुकान तथा अन्य शासकीय भवन शामिल हंै। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने निजी भवनों में संचालित बैंक, बड़ी दुकानों, सुपर मार्केट के भवन मालिकों से भी दिव्यांगों के लिए इन भवनों में रैंप एवं सुगम्य शौचालय निर्माण के लिए कहा है।
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अधिकारी के दस्तावेजों का सत्यापन कराने की मांग
रीवा। महिला बाल विकास विभाग में लंबे समय से कार्यरत परियोजना अधिकारी जीवेन्द्र सिंह के विरुद्ध शिकायत विभाग के स्थानीय अधिकारियों के साथ ही प्रमुख सचिव तक की गई है। शिकायतकर्ता कांंग्रेस प्रवक्ता अशफाक अहमद ने अपने शिकायत में कहा है कि सिंह ने विकलांगता का जो दस्तावेज लगाया गया है, उसका परीक्षण किया जाना है। ताकि यह पता चल सके कि जो दस्तावेज उनकी ओर से दिया गया है वह सही है या कूटरचित है। सीएम हाउस में भी शिकायत की बात कही गई है।