रीवा

बढ़ रहा साइबर क्राइम, पुलिस भी हारी, बचना चाहते हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर

हर माह दर्जन भर लोग बनते हैं साइबर क्राइम का शिकार, नहीं मिलते आरोपी

रीवाSep 17, 2018 / 08:11 pm

Shivshankar pandey

cyber crime Thug fraudsters upset the people

रीवा. जिले में साइबर क्राइम की वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाश पुलिस पर भारी पड़ रहे हैं। बदमाश आये दिन लोगों को शिकार बनाते हैं लेकिन पुलिस सिर्फ मामला दर्जकरने के अलावा कुछ नहीं कर पा रही है। इन वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाश विरले ही पुलिस के हाथ में लगते हैं।
घटनाओं में हो रहा इजाफा
हासिल जानकारी के अनुसार जिले में साइबर क्राइम की घटनाओं में खासा इजाफा हुआ है। इन घटनाओं को अंजाम देने वाले बदमाश बड़े आराम से लोगों की कमाई लूट लेते हैं। समय के साथ बदमाशों ने घटनाओं को अंजाम देने का तरीका भी बदल दिया है। कभी बैंक का मैनेजर बनकर एटीएम ब्लाक की जानकारी देते हैं तो कभी बदमाश एटीएम कार्ड बदलकर लोगों के खाते से रुपए निकालते हैं। इन घटनाओं की आये दिन शिकायतें थाने में दर्ज होती है। लोग जीवन भर की कमाई बैंक खातों में रखते है और बदमाश पलक झपकते उसे पार कर देते हैं। सप्ताह भर पूर्व ही नईगढ़ी थाने में रिटायर्ड एनसीएसल कर्मचारी के खाते से पांच लाख रुपये निकलने का मामला दर्ज हुआ था। बैकुंठपुर में एक युवक का कार्ड बदलकर उसके खाते से 88 हजार रुपए निकल गये थे। ऐसे एक दो नहीं बल्कि दर्जन भर से अधिक मामले हर माह सामने आते हैं जिसमें लोग आनलाइन ठगी का शिकार होते हैं। पलक झापकते ही बदमाश खातों से रुपए गायब कर देते हंै। वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश फर्जी सिम का इस्तमाल करते हैं और उससे फोन कर कोड नम्बर की जानकारी लेते हैं। पिछले कई सालों से चल रही घटनाओं को न तो पुलिस रोकने में कामयाब हुई है और न ही बदमाशों द्वारा लूटी गई रकम ही पुलिस के हाथ लग पाई है।
मददगार बनकर सक्रिय रहते हैं बदमाश
साइबर क्राइम की वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाश एटीएम बूथों में मददगार बनकर मौजूद रहते हैं। आरोपी एटीएम मशीनों में छेड़छाड़ कर उसको ब्लाक कर देते हैं। जब भी किसी व्यक्ति का पैसा नहीं निकलता है तो वे मददगार बनकर अंदर घुस जाते हैं और बड़ी सफाई से उसका कार्ड बदल देते हैं। बाद में कोड देखकर बदमाश उनके खाते से रुपए निकाल लेते हैं।
ऑनलाइन शापिंग और रुपए करवाते हैं ट्रांसफर
साइबर फ्राड करने वाले बदमाश लोगों को मूर्ख बनाकर उनका कोड नम्बर पूंछ लेते है और बाद उनके खाते में मौजूद रकम ऑनलाइन शॉपिंग कर लेते हैं। इसके अलावा बदमाश रुपए दूसरे खातों में भी ट्रांसफर करवा लेते हैं। बदमाशों के सभी खाते और मोबाइल सिम फर्जी होती है जिससे इनको ट्रेस करना भी पुलिस के लिए आसान नहीं होता है।
ऐसे देते हैं वारदात को अंजाम
1- बदमाश खुद को बैंक कर्मचारी बताते हुए लोगों को फोन कर एटीएम ब्लाक होने की जानकारी देते हैं और उसे नवीनीकरण करने के लिए एटीएम का नम्बर व पिन कोड पूंछकर रुपए निकाल लेते हैे।
2- इनाम व लाटरी जीतने का झांसा देकर लोगों को मूर्ख बनाकर उनके खाते से रुपए निकाल लेते हैं।
3- एटीएम में मदद करने के बहाने कार्ड बदलकर कोड नम्बर देख लेते हैं और खाते से रुपए निकाल लेते हैं।
4- एटीएम में बदमाश कार्ड का क्लोन तैयार कर लेते हैं और नम्बर में एक पतली पालीथिन चिपकाकर उसका नम्बर नोट कर लेते है। इसके बाद वे खाते से रुपए निकाल लेते हैं।
ऐसे करें साइबर फ्राड से बचाव
1- फोन पर किसी को भी अपने खाते व एटीएम के पिन के संबंध में जानकारी न दें।
2- इनाम व लाटरी जीतने का झांसा देने वाले बदमाशों के बहकावे में न आएं और न ही उनके कहने पर खातों में रुपए जम करें।
3- एटीएम में रुपए न निकलने की स्थिति में किसी अपरचित की मदद न लें। जब भी रुपए निकालने जाएं तो उसके नम्बर को अच्छी तरह चेक कर ले जिसमें कोई पालीथिन तो चस्पा नहीं है।
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