नवीन न्यायलय भवन निर्माण स्थल को लेकर 28 जुलाई से अधिवक्ता हड़ताल पर हैं। वहीं पुलिस आपराधिक मामलों में बंदियों को जेल में प्रस्तुत कर रही है, क्यों कि मामलों में अधिवक्ता की पैरवी नहीं होने से न्यायालय बंदियों को जेल भेज रही है। जिससे लगातार सेंट्रल जेल में बंदियों की संख्या बढ़ रही है। एक सितंबर को बंदियों की संख्या जहां 363 थी, वहीं 11 अक्टूबर तक 469 पहुंच गई है।
सेंट्रल जेल की वर्तमान स्थित
– 700 सेंट्रल जेल की क्षमता
– 1054 सजायाफ्ता
– 469 हवालातीय बंदी
– 42 महिला
– 10 बच्चे
– 1523 कुल बंदी सेंट्रल जेल में
जेल की क्षमता 700 बंदियों की है। इसके बावजूद 1523 बंदी है। विचाराधीन बंदियों की संख्या पिछले एक महीन से बढ़ रही है। इसके बाद भी बेहतर व्यवस्था बनाने प्रयास जारी है।
संतोष सोलंकी, जेल अधीक्षक, रीवा
करीब साल भर पूर्व डिप्टी जेलर पर प्राणघातक हमला और सेंट्रल जेल के बाहर गोली चलने वाली घटनाओं के आरोपी तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। दोनों मामले अभी विवेचना पर हैं। इसके अलावा जेल में सामग्री फेकेन वाले सभी चार मामले अभी जांच पर हैं।