पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद कलेक्टर इलैयाराजा टी ने एसडीएम सिरमौर से जानकारी मांगी, जिस पर एसडीएम के कहने पर सुबह ही उमरी गांव के सरपंच और सचिव नि:शक्त बच्चों के परिवार से मिलने पहुंच गए थे। वह चाह रहे थे कि परिवार उनकी किसी तरह से शिकायत कलेक्टर से नहीं करे। आश्वासन दिया है कि राशनकार्ड बनवाकर राशन उपलब्ध कराएंगे।
बताया गया है कि सिरमौर क्षेत्र के उमरी गांव के निवासी रामसिंह कुशवाहा के दो बेटे निखिल कुशवाहा(17) एवं अतुल कुशवाहा(15) जन्म से ही नि:शक्त हैं। दोनों एक ही तरह की गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। दिमागी रूप से भी इनका विकास कम हुआ है, इसलिए शरीर पर दिमाग का नियंत्रण नहीं रहता।
बच्चों की उम्र बढऩे के चलते अब उनकी देखरेख में ही पूरा दिन पिता और माता का चला जाता है। इसलिए परिवार की आर्थिक स्थिति भी धीरे-धीरे बिगड़ती जा रही है। दोनों बच्चों के उपचार में अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार परिवार पूरी तरह से प्रयास कर चुका है। अब आर्थिक तंगी परिवार के सामने बच्चों के भरण पोषण में संकट बन रही है।
सरकारी सुविधा के नाम पर छह-छह सौ रुपए प्रति महीने विकलांग पेंशन मिलती है लेकिन खाद्यान्न नहीं मिल रहा है। पिता परिवार चलाने के लिए घर पर ही कपड़ों की सिलाई करता है। – परिवार के किसी सदस्यों को नामिनी तय किया जाएगा
परिवार में दो बच्चे नि:शक्त हैं जिसमें एक का आधार कार्ड ही नहीं बना है। इसके लिए कई बार प्रयास भी किए गए लेकिन नि:शक्तता की वजह से आधार नंबर जारी होने में समस्या आ रही है। ऐसे में खाद्यान्न जो पहले मिल रहा था, वह भी बंद हो गया है। सेल्समैन का कहना है कि आधार नंबर लिंक नहीं होने की वजह से उसका आवंटन नहीं हो रहा है। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि परिवार के किसी दूसरे सदस्य को इन बच्चों का नामिनी नियुक्त किया जाए जो राशन दुकान से खाद्यान्न ले आएंगे। साथ ही कलेक्टर ने कहा है कि अन्य तरह की शासकीय योजनाओं का लाभ भी परिवार को देने का प्रयास किया जाएगा।
—
—
परिवार में दो बच्चे नि:शक्त हैं जिसमें एक का आधार कार्ड ही नहीं बना है। इसके लिए कई बार प्रयास भी किए गए लेकिन नि:शक्तता की वजह से आधार नंबर जारी होने में समस्या आ रही है। ऐसे में खाद्यान्न जो पहले मिल रहा था, वह भी बंद हो गया है। सेल्समैन का कहना है कि आधार नंबर लिंक नहीं होने की वजह से उसका आवंटन नहीं हो रहा है। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि परिवार के किसी दूसरे सदस्य को इन बच्चों का नामिनी नियुक्त किया जाए जो राशन दुकान से खाद्यान्न ले आएंगे। साथ ही कलेक्टर ने कहा है कि अन्य तरह की शासकीय योजनाओं का लाभ भी परिवार को देने का प्रयास किया जाएगा।
—
—
उमरी गांव के दो नि:शक्त बच्चों के संबंध में पत्रिका में खबर आई थी। जिस पर संज्ञान लिया है, पता चला है कि पेंशन तो मिल रही है खाद्यान्न की समस्या है। खाद्यान्न जारी कराने के साथ ही परिवार को अन्य योजनाओं से भी किस तरह से जोड़ा जा सकता है, इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है।
इलैयाराजा टी, कलेक्टर रीवा