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टोलियों में निकलकर लोगों ने की मस्ती
होली की शुभकामनाएं देने के लिए एक-दूसरे के घरों पर लोग पहुंचे। इस दौरान कई जगह टोलियों में लोग निकले और जमकर मस्ती की। सुबह को ही बच्चों ने पिचकारी लेकर घरों से बाहर निकलकर राहगीरों पर रंग डालना शुरू कर दिया था। अपने परिचित, मित्रों, रिश्तेदारों को रंग-गुलाल लगाकर होली की बधाई देने का सिलसिला दिनभर चलता रहा। युवा, बच्चे, महिलाओं में होली का उत्साह देखते बन रहा था। महिलाओं और युवतियों ने भी जमकर होली खेली। एक-दूसरे को पानी के रंगों से भिगोकर सराबोर कर दिया। बच्चे अपने घर की छतों से आने-जाने वाले लोगों पर पिचकारी और गुब्बारों से रंग डाल रहे थे। वहीं, युवक और युवतियां अपनी टोलियों में रंगों से सराबोर हो रहे थे। रंग-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देने का सिलसिला रात तक चलता रहा। होली पर तरह-तरह के व्यंजनों का भी जायका लिया। युवाओं ने मोहल्लों में डीजे और ढोल की थाप पर जमकर डांस किया।
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कलेक्टर के घर भी फगुआ का जमा रंग
होली के दिन नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों एवं आम लोगों के साथ ही हर जगह उल्लास का रंग देखा गया। इस दौरान कलेक्टर मनोज पुष्प के बंगले पर होली का लोकगीत फगुआ गाया गया। इस दौरान कलेक्टर ने भी लोगों के साथ आनंद लिया। इस दौरान दूसरे प्रशासनिक अधिकारी, व्यवसाई एवं समाजसेवियों ने पहुंचकर होली की शुभकामनाएं दी।
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अधिकांश जगह गुलाल का प्रयोग
इस बार होली पर पक्के रंग कम बल्कि अबीर-गुलाल का सर्वाधिक प्रयोग हुआ। प्रशासन द्वारा भी इसके लिए लोगों से अपील की जा रही थी कि केमिकल मिले रंगों का उपयोग कम से कम करें और कोशिश यह करें कि इनकी जगह अबीर, गुलाल का प्रयोग हो। अधिकांश लोगों के हाथों में गुलाल की पुडिय़ा ही दिखाई दी। वहीं कुछ तो जले मोबिलआयल का प्रयोग करते भी नजर आए।
---- कुल देवी-देवताओं का पूजन
होलिका दहन के दूसरे दिन धुरेड़ी पर कई घरों में कुलदेवियों-देवताओं का पूजन भी हुआ। होली पर होने वाली इस पूजा में शामिल होने के लिए विभिन्न शहरों में रहने वाले परदेसी भी अपने-अपने घर लौटे। वहीं शहर से अधिकांश लोग इसी पूजन के लिए अपने गांवों की ओर गए। पूजन के बाद युवाओं और बच्चों ने एक-दूसरे को रंग लगाना शुरू किया, जो देर शाम तक जारी रहे।