450 करोड़ की आवास योजना में गड़बड़ी
प्रधानमंत्री आवास योजना में शहरी विकास अभिकरण ने लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास (बीएलसी) घटक के तहत वर्ष 2016 में शहरी क्षेत्र में 18,101 आवास मंजूर किए गए। बीएलसी घटक की प्रक्रिया के दौरान वर्ष 2016 से 2019 के बीच तत्कालीन कलेक्टरों से अनुमोदन कराकर शासन को लिस्ट भेज दी गई। लगभग 450 करोड़ की आवास योजना को नगर निगम रीवा समेत नगर पालिक क्षेत्र में 18,101 हितग्राहियों की लिस्ट फाइनल कर भोपाल भेजी गई। शासन से हितग्राहियों के खाते में पहली किश्त एक-एक लाख रुपए की भेज दी गई।
प्रधानमंत्री आवास योजना में शहरी विकास अभिकरण ने लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास (बीएलसी) घटक के तहत वर्ष 2016 में शहरी क्षेत्र में 18,101 आवास मंजूर किए गए। बीएलसी घटक की प्रक्रिया के दौरान वर्ष 2016 से 2019 के बीच तत्कालीन कलेक्टरों से अनुमोदन कराकर शासन को लिस्ट भेज दी गई। लगभग 450 करोड़ की आवास योजना को नगर निगम रीवा समेत नगर पालिक क्षेत्र में 18,101 हितग्राहियों की लिस्ट फाइनल कर भोपाल भेजी गई। शासन से हितग्राहियों के खाते में पहली किश्त एक-एक लाख रुपए की भेज दी गई।
शासन स्तर पर पात्रता की जांच में मिली खामियां
शासन स्तर पर पात्रता की जांच कराई गई जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई। नगर निगम रीवा समेत नगर पंचायतों में लगभग 400 अपात्रों के नाम सामने आए। प्रति आवास 2.50 लाख के औसत से लगभग अब तक 373 आवास सरेंडर कर दिए गए हैं। ये आंकड़े तीन दो दिन पहले जिला समन्वयक एवं निगरानी समिति की बैठक में नगर निगम रीवा समेत नगर पंचायतों के अधिकारियों की ओर से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में हुआ है।
प्रत्येक हितग्राही को 2.50 लाख रुपए
नगरीय क्षेत्र में गरीबों के आवास निर्माण कराने के लिए 2.50 लाख रुपए की राशि निर्धारित की गई है। हितग्राही के खाते में पहली और दूसरी किस्त एक-एक लाख और आवास का निर्माण फाइनल होने पर 50 हजार रुपए की अंतिम किश्त भेजनी है।
नगर निगम रीवा में 49 आवास सरेंडर
नगर निगम रीवा में वर्ष 2016 से 2019 के बीच 41 हितग्राहियों के आवास अपात्र कर दिए गए हैं। आी आठ हितग्राहियों को अपात्रता की प्रक्रिया चल रही है। सबसे अधिक मऊगंज में 207 अपात्रों को आवास बांटे गए हैं। इसी तरह सेमरिया में 80, नईगढ़ी में 37 हितग्राहियों को किश्त भेजने के बाद अपात्र करार दिया गया। अपात्रों के अवास सरेंडर करा दिए गए हैं।
ऐसे समझें बीएलसी घटक
लाभार्थी आधारित व्यक्ति आवास बीएलसी घटक के तहत नगरीय क्षेत्र में खाली प्लाट या कच्चे मकान की जगह पक्का घर बनाने के लि ए प्रति हितग्राहियों को 2.50 रुपए सरकार सब्सिड़ी सरकार दे रही है।
शासन स्तर पर पात्रता की जांच कराई गई जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई। नगर निगम रीवा समेत नगर पंचायतों में लगभग 400 अपात्रों के नाम सामने आए। प्रति आवास 2.50 लाख के औसत से लगभग अब तक 373 आवास सरेंडर कर दिए गए हैं। ये आंकड़े तीन दो दिन पहले जिला समन्वयक एवं निगरानी समिति की बैठक में नगर निगम रीवा समेत नगर पंचायतों के अधिकारियों की ओर से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में हुआ है।
प्रत्येक हितग्राही को 2.50 लाख रुपए
नगरीय क्षेत्र में गरीबों के आवास निर्माण कराने के लिए 2.50 लाख रुपए की राशि निर्धारित की गई है। हितग्राही के खाते में पहली और दूसरी किस्त एक-एक लाख और आवास का निर्माण फाइनल होने पर 50 हजार रुपए की अंतिम किश्त भेजनी है।
नगर निगम रीवा में 49 आवास सरेंडर
नगर निगम रीवा में वर्ष 2016 से 2019 के बीच 41 हितग्राहियों के आवास अपात्र कर दिए गए हैं। आी आठ हितग्राहियों को अपात्रता की प्रक्रिया चल रही है। सबसे अधिक मऊगंज में 207 अपात्रों को आवास बांटे गए हैं। इसी तरह सेमरिया में 80, नईगढ़ी में 37 हितग्राहियों को किश्त भेजने के बाद अपात्र करार दिया गया। अपात्रों के अवास सरेंडर करा दिए गए हैं।
ऐसे समझें बीएलसी घटक
लाभार्थी आधारित व्यक्ति आवास बीएलसी घटक के तहत नगरीय क्षेत्र में खाली प्लाट या कच्चे मकान की जगह पक्का घर बनाने के लि ए प्रति हितग्राहियों को 2.50 रुपए सरकार सब्सिड़ी सरकार दे रही है।
वर्जन…
हितग्राहियों के पात्रता का परीक्षण कराएंगे। अनियमितता मिलने पर जिम्मेदारों की जवाबदेही तय की जाएगी। गुढ़ में एक मामला संज्ञान में आया है। उसकी जांच एसडीएम से करा रहे हैं। रिपोट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
इलैया राजा टी, कलेक्टर
हितग्राहियों के पात्रता का परीक्षण कराएंगे। अनियमितता मिलने पर जिम्मेदारों की जवाबदेही तय की जाएगी। गुढ़ में एक मामला संज्ञान में आया है। उसकी जांच एसडीएम से करा रहे हैं। रिपोट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
इलैया राजा टी, कलेक्टर