इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो.रहस्यमणि मिश्र ने कहा कि पीपल के पौधे पर्यावरण में अन्य पौधों की अपेक्षा ज्यादा आक्सीजन छोड़ते हैं। पीपल की पत्तियां हमेशा हिलती रहती हैं। धार्मिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। ऐसे में पीपल का पौधा बहुत उपयोगी माना गया है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, कर्मचारी एवं छात्र – छात्राएं शामिल हुए।
पर्यावरण को स्वच्छ बनाना बहुत आवश्यक है। हम सभी को पौधा रोपण करना चाहिए। अन्य लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए। पीपल का पेड़ 24 घंटे आक्सीजन देता है। इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों में पौधा रोपण का कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय है।
प्रो. आरएन सिंह, पीएचडी डॉयरेक्टर
विकास एवं उद्योगों की वजह से अंधाधुंध पेड़ों की कटाई हो रही है। ऐसे में लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक होना अत्यंत आवश्यक है। विश्वविद्यालय में पौधारापण इसी का एक प्रयास है। पौधे लगाने के बाद उसकी सुरक्षा एवं देखभाल ज्यादा जिम्मेदारी भरा काम है।
बुद्धसेन पटेल, कर्मचारी संघ अध्यक्ष
आज सभी शैक्षणिक संस्थाओं में पीपल के पौधे लगाए जा रहे हैं। राजभवन के इस संकल्प में बड़ी संख्या में लोग भागीदार बने। जिसमें शैक्षणिक अमले सहित, कर्मचारी एवं छात्रों ने साथ मिलकर पौधा रोपण किया। स्थापना दिवस के दिन भी पौधे रोपे जाएंगे।
श्रीकांत मिश्र, विभागाध्यक्ष दर्शन विभाग
यह राजभवन की एक अभिनव पहल है। जिसमें विश्वविद्यालय के सभी स्टॉफ एक साथ मिलकर पौधरोपण किया। हमारा प्रयास रहेगा कि लगाए गए पौधे में से अधिक से अधिक पौधों को बचाया जा सके। सभी को अपनी – अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
लाल साहब सिंह, कुलसचिव एपीएसयू
इन्होंने भी किया पौधरोपण
पौधा रोपण कार्यक्रम में प्रो. एपी मिश्र, प्रो.विजय अग्रवाल, प्रो.आएन सिंह, प्रो.अंजली श्रीवास्तव, प्रो.सुनील कुमार तिवारी, प्रो.एसएल अग्रवाल,प्रो.अतुल पाण्डेय, प्रो.महेशचन्द्र श्रीवास्तव, प्रो. श्रीकान्त मिश्र, अनुराग दुबे, कृष्णमोहन त्रिपाठी,यादवेन्द्र सिंह चौहान सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र – छात्राएं मौजूद रहे।